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________________ प्रस्तावना ९७. तार्किक साहित्य के इतिहास के प्रयत्न—जैन तार्किक साहित्य के इतिहास के विषय में जो लेखन हुआ है वह दो प्रकार का है-भारतीय तर्कसाहित्य के एक अंग के रूप में तथा विविध विषयों के जैन साहित्य के एक अंग के रूप में। डा. राधाकृष्णन्, डा. दासगुप्त, एम्. हिरियण्णा आदि के द्वारा भारतीय दर्शनों के इतिहास में जैन दर्शन का भी यथोचित समावेश किया गया है । इन लेखकों ने मुख्यतः जैन दर्शन के प्रमुख विषयों का सरल वर्णन करने की ओर ध्यान दिया है-इन विषयों का तार्किक समर्थन या खण्डन अथवा जैन ग्रन्थकारों का व्यक्तित्व और समय आदि का वर्णन उन का प्रमुख उद्देश नही रहा। इन में से अधिकांश इतिहासलेखक अद्वैतवाद से प्रभावित रहे हैंउस दृष्टि से जैन दर्शन के प्रमुख तत्व स्यावाद को वे अपर्याप्त अथवा व्यावहारिक मात्र समझते हैं । जैन दार्शनिकों के व्यक्तित्व, ग्रन्थरचना, समय आदि के बारे में चर्चा करने का प्रयास दो ग्रन्थों में विशेष रूप से पाया जाता है-डॉ. सतीशचन्द्र विद्याभूषण का भारतीय तर्कशास्त्र का इतिहास ( हिस्टरी ऑफ इन्डियन लाजिक ) तथा डॉ. ज्वालाप्रसाद का भारतीय प्रमाणशास्त्र ( इन्डियन एपिस्टेमालाजी)। जैन साहित्य के एक अंग के रूप में तार्किक साहित्य का वर्णन मो. द. देसाई के जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, श्री बडोदिया के जैनधर्म का इतिहास और साहित्य ( हिस्टरी अॅन्ड लिटरेचर ऑफ जैनिजम), श्री. कापडिया के जैन धर्म और साहित्य ( जैन रिलिजन अँड लिटरेचर ) आदि ग्रन्थों में मिलता है। जैन तार्किकों में से कुछ प्रमुख आचार्यों के विषय में पं. नाथूराम प्रेमी, पं. जुगलकिशोर मुख्तार, पं. सुखलाल संघवी, पं. दलसुख मालवणिया, पं. महेंद्रकुमार, पं. दरबारीलाल आदि विद्वानों द्वारा अन्यान्य ग्रन्थों की प्रस्तावनाओं में तथा पत्रिकाओं के लेखों में बहुमूल्य सामग्री प्रकाशित की गई है । तार्किक साहित्य के इतिहास के समन्वित अवलोकन का प्रयास पं. दलसुख मालवणिया ने आगमयुग का अनेकान्तवाद, जैन दार्शनिक साहित्य की रूपरेखा, जैन दार्शनिक साहित्य का सिंहावलोकन इन तीन निबन्धों में किया है। पं. महेन्द्रकुमार ने जैन दार्शनिक साहित्य की पृष्ठभूमि शीर्षक निबन्ध भी इसी उद्देश से लिखा था।
SR No.022461
Book TitleVishva Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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