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________________ जैन संस्कृति संघ, शोलापुर के भी अनुगृहीत हैं। प्रस्तुत ग्रन्थमाला के प्रकाशनों से भारतीय एवं जैन साहित्य के अध्ययन-अनुसन्धान के कार्य में जो सहायता मिल रही है वह सभी विद्वान् अनुभव करते हैं। इसके लिए ज्ञानपीठ की अध्यक्षा श्रीमती रमारानी तथा संरक्षक श्री शान्तिप्रसाद जी का जितना उपकार माना जाय थोड़ा है। उनकी शुभ भावनाओं को मूर्तिमान स्वरूप देने में ज्ञानपीठ के मन्त्री श्री लक्ष्मीचन्द्र जी जिस उत्साह और परिश्रम से संलग्न हैं, वह स्तुत्य है। इसी शुभ भावना, उदारता, उत्साह और प्रयास के आधार पर आशा की जा सकती है कि ऐसे उपयोगी प्रकाशनों का क्रम न केवल भविष्य में चालू रहेगा, किन्तु उसमें और भी उन्नति और प्रगति हो सकेगी। ही. ला. जैन, आ. ने. उपाध्ये, प्रधान सम्पादक (प्रथम संस्करण, सन् 1964 से) 8:: उपासकाध्ययन
SR No.022417
Book TitleUpasakadhyayan
Original Sutra AuthorSomdevsuri
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2013
Total Pages664
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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