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________________ श्री जैन सिद्धान्त सोसायटीके मूल्यवान प्रकाशन अंग्रेजी भाषामें भ. महावीरका चरित्र आदिग्रंथ 1 श्रमण भगवान महावीर पुस्तक 1, भाग 1 8-0-0 2 " " " " " "2 9-0-0 3 " " " 2 ,1 13-0.0 4 " " " " " "2 15-0-0 10.00 (गणधर वादका अंग्रेजी भाषान्तर) 6 निहूनव वाद 8-0-0 (निहनव विषय के विवेचन) 7 स्थविरावली भाग 1 8-0-0 गणधरवाद C 2 6-0 -0 9 जीवविचारप्रकरणम् 4~0-0 वादिवेताल श्री शान्तिसूरीश्वर विरचित्त भूल, पाठक रत्नाकर विरचित बृहत् वृत्ति तथा अंग्रेजी भाषान्तर युक्त 10 जैन तर्क भाषा महामहोपाध्याय श्री यशोविजयगणिविरचित मूल तथा आचार्य बिजयोदयसूरि कृत टीका युक्त ते सिवाय अन्य प्रकाशनो माटे सूचिपत्र मंगावो. प्राप्तिस्थान : जसवंतलाल गिरधरलाल शाह 1238 रूपासुरचंदनी पोळ-अमदावाद श्री क्रिष्णा प्रिन्टरी रतनपोळ, अमदावाद
SR No.022410
Book TitleJain Tark Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayodaysuri
PublisherJashwantlal Girdharlal Shah
Publication Year1951
Total Pages332
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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