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________________ २७४ नवतत्त्वसंग्रहः नाथ ! मेरी एह प्रार्थना है जो सचमुच आपका समवसरण देखू भक्ति संयुक्त पदपंकज स्पर्शे 'मस्तकेन. (१११)(चक्री आदि संबंधी माहिती) चक्री- | पिता- माता- कुमा- | मंड- | विज-| षट्- दीक्षा- पूर्व- | पूर्व | आग-| गति | आयु अव-| नगरीनाम | नाम | नाम रकाल | लिक-| येसा | खंड-काल| जन्म-जन्म-[ ति | गया गाह| नाम काल नाम | नगरी] आया | १ भरत | ऋषभ- सुमं- | पूर्व पूर्व १/ बाहु | पुंड- सर्वा- | मो- पूर्व | ५०० | विनीदेव | गला | ७७ |१००० | लाख रीकि- र्थ- | क्ष लाख लक्ष | धन ६० F हजार वर्ष BETE FREE FEB मो-| पूर्व | ४५०/ अयो २ सगर | सुमति || यश- पूर्व | वर्ष | ३ प्र- | विज- राजा | वती |५०० ५० हजार हजार लाख । य | थ्वी- य राजा | पुर | विमान सहस्त्र | हजार वर्ष | लक्ष न्यून ३ मघ- | समुद्र- 'सुभ-| २५ | वर्ष वर्ष | १० वर्ष ५० | शि- | पुंड- | ग्रैवे- | देव- वर्ष वा |विजय द्रा | हजार २५ हजार शिभ | रीकि- यक | लोक ५ | | वर्ष | हजार | वर्ष | लाख | वर्ष | राट् | णी | | ३ लाख E । । वर्ष ४ सन- अश्व- सह- | वर्ष | वर्ष | १० वर्ष १ | "मरु-"महा- सौधर्म | देव- वर्ष | ४१॥ हस्ति | सेन | ५० | ५० हजार ९० लाख राजा पुरी । १ लोक ३ | धनु नापुर कुमार राट् हजार हजार वर्ष | हजार वर्ष ५ शांति- विश्व- अचि-| वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | मो-| वर्ष | ४० गजनाथ | सेन | | २५ | २५ ८००/२४२- २५ | पुर राट् हजार हजार राजा किणी| सिद्ध ६ कुंथु- सूरसेन | श्री- २३७-| वर्ष | वर्ष | वर्ष वर्ष | 'सिंह-| "सु-| सर्वा- | मोनाथ | राट् | राणी | | ५० |२३७-६००२३१-२३७- सीमा| थे | क्ष। ९५ | धनु ५० ५० | ५० राजा ७ अर-सुदर्शन देवी | वर्ष वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | धन- अप- मो- वर्ष | ३० गज राणी। २१ ४००/२०६३ | पति | क्षेम-| राजि-|| हजार हजार राट् | पुरी | त । ८ सुभूम कीति- तारा- वर्ष | दीक्षा कैना-धन- जयंत | ७ | वर्ष २८ वीर्य | राणी भ | परी | पूरी | विमा-| मी ६० धनु| पुर हजार हजार राजा | | न | नरक सहस्त्र ९ महा- पद्मो- | ज | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | वर्ष | "वित- बी-| अच्यु- मो-| वर्ष २० हस्ति'पद्म | त्तर | (ज्वा) | ५०० धनु | नापुर राजा | लादेवी हजार| राजा | शोका सहस्त्र १. मस्तक वडे। २-१२. आ तेमज बीजां पण केटलांक नामो त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रथी जुदां पडे छे ते विचारणीय छ । नाथ पुर गज FFE
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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