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________________ पोतानुं भाषण मराठी अने गुजराती भाषामां असरकारक रीते आप्यु हतुं, मेथी प्रांतिक सभाना कार्यने अनेक लाभो थया छे. आज वर्षमां श्री समेतशीखरजी उपर बंगला बांधवा संबंधी सरकारनो विचार थवाथी ए बंगला आपणा महान पवित्र तीर्थस्थळ उपर न बांधवामां आवे ते माटे तीर्थक्षेत्र कमीटीना सहायक महामंत्री तरीके अनेक संकटो आवत्रा छतां बे प्रण वखत श्री समेतशीखरजी जाते जई एमणे जे अथाग परिश्रम कयों हतो ते अवर्णनीय छे केमके एज निमित्ते एमनो स्वर्गवास थवानो बखत आव्यो हतो जे नीचेनी बीनाथी जणाशे. ___ संवत १९६३ मां शेठ चुनीलाल चोमासाना दिवसमां के जे वखते श्वेतांबरी भाइओ पालगंजना राजा साथे पहाडनो पटो नकी करी सही कखानी तैयारीमा हता ते वखते त्यांथी तार आववाथी एकदम शीखरजी गया हता अने त्यां अनेक खटपट करवाथी अने रुतु खराब होवाथी एओनी तबीयत बगडी आवी, जेथी मुंबाई आव्या हता, ज्यां दोढ मास सुधी मांदा रह्या हता. ए अरसामा एमनी सखत मोदगी प्रसंगे एमना मामा शेठ माणेकचंदजीने लेफटेनंन्ट गवर्नरनी मुलाकात प्रसंगे श्री समेतशीखरजी जवानी जरुर पडी हती त्यारे एमनी तबीयत घणीज नादुरस्त होवाथी शेठ माणेकचंदजी शिखरनी जवानो विचार मांडी वाळता हता त्यारे शेठ चुनीलाले सुतां सुतां कह्यु के, मामा, मारी फीकर करता ना, तमे शिखरजी जाओ अने पहाडनो झगडो मटाडो" आ धीरजना शब्द सांभळीने मामा शिखरजी जई पहोंचे छे अने पछवाडे भाणेजनो अंत आवे छे. धन्य छे आ शूरवीर भाणेजने अने आ धीरवीर मामाने ! ! म तो एक बखत छेज, पण धर्मनी लागणीमा मरण थाय
SR No.022328
Book TitleDharmpariksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorIshwarlal Karsandas Kapadia
PublisherMulchand Karsandas Kapadia
Publication Year1910
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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