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________________ भावार्थ धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय के स्कंध, देश एवं प्रदेश की अपेक्षा से तीन-तीन भेद तथा पुद्गलास्तिकाय के परमाणु सहित चार भेद होते हैं, उसमें काल का एक भेद मिलाने से पांच अजीव द्रव्यों के कुल चौदह भेद होते हैं ॥९॥ विशेष विवेचन अजीव : जो चैतन्य रहित एवं जड लक्षण से युक्त हो, जिसे सुख-दुःख का अनुभव न हो, वह अजीव है। ___अजीव के मुख्य भेद ५ है - १) धर्मास्स्तिकाय २) अधर्मास्तिकाय, ३) आकाशास्तिकाय, ४) काल तथा ५) पुदगलास्तिकाय । धर्मास्तिकायअधर्मास्तिकाय तथा आकाशास्तिकाय इन तीन द्रव्यों के स्कंध-देश-प्रदेश, ये तीन-तीन उपभेद होने से कुल ९ भेद होते हैं। कार्ल का एक भेद मिलाने से १० भेद होते हैं । पुद्गल के स्कंध-देश-प्रदेश-परमाणु ये चार भेद मिलने से ५ अजीव द्रव्यों के कुल १४ भेद होते हैं । जो निम्न है - १) धर्मास्तिकाय स्कंध, २) धर्मास्तिकाय देश ३) धर्मास्तिकाय प्रदेश, ४) अधर्मास्तिकाय स्कंध, ५) अधर्मास्तिकाय देश, ६) अधर्मास्तिकाय प्रदेश, ७) आकाशास्तिकाय स्कंध, ८) आकाशास्तिकाय देश, ९) आकाशास्तिकार्य प्रदेश, १०) काल, ११) पुद्गलास्तिकाय स्कंध, १२) पुद्गलास्तिकाय देश, १३) पुद्गलास्तिकाय प्रदेश, १४) पुद्गलास्तिकाय परमाणु । अस्तिकाय : प्रदेशों के समूह को अस्तिकाय कहते है। स्कंध : वस्तु के पूरे भाग को अथवा परमाणुओं के समूह को स्कंध कहते है। जैसे मोतीचूर का पूरा लड्ड । देश : स्कंध की अपेक्षा न्यून सविभाज्य विभाग को देश कहते है। जैसे अनेक कणों वाले मोतीचूर के लड्ड का एक भाग । प्रदेश : स्कंध की अपेक्षा से न्यून निर्विभाज्य विभाग को, जो अणु के जितना ही सूक्ष्म हो परन्तु स्कंध के साथ जो प्रतिबद्ध हो, वह प्रदेश कहलाता है । जैसे मोतीचूर के लड्ड का एक कण । परमाणु : स्कंध या देश से पृथक् हुए निर्विभाज्य सूक्ष्मतम अंश को परमाणु कहते है । जैसे मोतीचूर के लड्ड से अलग हुआ एक कण । श्री नवतत्त्व प्रकरण
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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