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________________ उत्तर : बादर उद्धार पल्योपम की भाँति कुएँ में सात दिन के नवजात शिशु के एक बाल के असंख्य टुकडे करके कुएँ को पूर्ववत् भरा जाये और प्रति समय एक-एक टुकडा निकाला जाय । जितनी कालावधि में वह कुआं खाली हो, उसे सूक्ष्म उद्धार पल्योपम कहते है । ४२२) बादर अद्धा पल्योपम किसे कहते है ? उत्तर : बादर उद्धार पल्योपम की भाँति बाल से भरे कुएँ में से प्रति सौ वर्ष में बाल का टुकडा निकाला जाये। जितने समय में वह कुआं खाली हो जाय, उसे बादर अद्धा पल्योपम कहते है। ४२३) सूक्ष्म अद्धा पल्योपम किसे कहते है ? उत्तर : सूक्ष्म उद्धार पल्योपम की भाँति केश से भरे हुए कुएँ में से प्रति सौ वर्ष में एक टुकडा निकाला जाये और जितने समय में वह खाली हो, उतने समय को सूक्ष्म अद्धा पल्योपम कहते है। ४२४) बादर क्षेत्र पल्योपम किसे कहते है ? उत्तर : बादर उद्धार पल्योपम को समझाने के लिये कुएँ में जो वालाग्र भरा है, उस वालाग्र को स्पर्श किए हुए आकाश प्रदेश में से एक-एक आकाश प्रदेश को एक-एक समय में बाहर निकालने में जितना समय लगे, उस समय को बादर क्षेत्र पल्योपम कहते है। ४२५) सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम किसे कहते है ? उत्तर : सूक्ष्म उद्धार पल्योपम को समझाने के लिये कुएँ में जो वालाग्र भरा है, उस वालाग्र को स्पर्श किये हुए और नहीं स्पर्शे हुए आकाश प्रदेशों में से एक-एक समय में एक-एक आकाश प्रदेश को बाहर निकालने में जितना समय लगे, उस समय को सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम कहते है। ४२६) सागरोपम के कितने भेद हैं ? उत्तर : पल्योपम की भाँति ही सागरोपम के भी ३ भेद है - १. उद्धार सागरोपम, २. अद्धा सागरोपम तथा ३. क्षेत्र सागरोपम । सूक्ष्म तथा बादर रूप दो भेदों की अपेक्षा से प्रत्येक के पुनः दो-दो भेद हैं । ४२७ ) बादर उद्धार सागरोपम किसे कहते है ? २२८ श्री नवतत्त्व प्रकरण
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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