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________________ उत्तर : ख-आकाश, खे-आकाश में, चर-उडने वाले जीव खेचर कहलाते हैं। जैसे कबूतर, कौआ आदि । २७१) खेचर के कितने भेद हैं ? उत्तर : चार भेद हैं - (१) चर्मपक्षी - चमडे की पंख वाले पक्षी चर्मपक्षी कहलाते हैं । जैसे-चमगादड आदि । (२) रोमपक्षी - रोम की पंख वाले रोमपक्षी कहलाते हैं । जैसे - चिड़िया, कबूतर, हंस आदि । (३) समुग्ग पक्षी - डिब्बे की तरह बंद पंख वाले समुग्ग पक्षी कहलाते (४) वितत पक्षी - जिनके पंख सदा फैले हुए ही रहते हैं, वे वितत पक्षी कहलाते हैं। समुग्ग पक्षी तथा विततपक्षी, ये दो जाति के पक्षी ढाई द्वीप के बाहर ही होते हैं। २७२ ) उरपरिसर्प किसे कहते हैं ? उत्तर : उर अर्थात् छाती से चलने वाले जीव उरपरिसर्प कहलाते हैं। जैसे सांप ___आदि । २७३) भुज परिसर्प किसे कहते हैं ? उत्तर : भुजाओं से चलने वाले जीव भुज परिसर्प कहलाते हैं । जैसे-नेवला, चूहा आदि। २७४ ) मनुष्य के ३०३ भेद कौन से हैं ? उत्तर : कर्मभूमि के १५, अकर्मभूमि के ३० और अन्तरद्वीप के ५६, ये सब मिलाकर गर्भज मनुष्य के १०१ भेद होते हैं । इनके अपर्याप्त तथा पर्याप्त, इन दो भेदों की अपेक्षा से कुल २०२ भेद होते हैं। इन १०१ क्षेत्रों के सम्मूच्छिम मनुष्य अपर्याप्त के १०१ भेद गिनने पर मनुष्य के कुल ३०३ भेद होते हैं। २७५ ) पन्द्रह कर्मभूमि कौन सी है ? उत्तर : ५ भरत, ५ ऐरवत और ५ महाविदेह, ये पन्द्रह कर्मभूमि के क्षेत्र हैं। २७६ ) कर्मभूमि किसे कहते हैं ? २०२ श्री नवतत्त्व प्रकरण
SR No.022327
Book TitleNavtattva Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNilanjanashreeji
PublisherRatanmalashree Prakashan
Publication Year
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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