SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ १ ] नरकादिक की आयु के कारण सम्यग्दृष्टी सम्यग्दर्शन को जानते हैं या नहीं ? सुपुत्र, कुपुत्र, कौन है ? चारों गतियोंको किससे भय लगता है ? धनादिक में सार क्या है ? मूर्ख, असाधु, दरिद्री कौन है ? शक्त और अशक्त कौन है ? किसने परपदार्थ का त्याग किया है ? परिग्रह सहित और रहित कौन है ? .... ... .... .... ... .... .... ध्यान स्वाध्यायादिकका फल क्या है ? दुष्टोंके द्वारा दुखी होनेपर और सज्जनोंके द्वारा सुखी होनेपर साधु क्या करते हैं ? २०४ शीलवती स्त्रियोंका व सज्जनोंका स्वभाव कैसा है ? २०७ आत्मा इन्द्रियोंसे मनसे वा आत्मासे किसीसे देखा जाता है ? २११ ज्ञान कैसा प्रशंसनीय है ! .... जो दान नहीं देता उसके धन की क्या गति होती है ? जोरत्नत्रय को पाकर कर्म नष्ट नहीं करते वे कैसे हैं ? जो सब शास्त्रोंको पढ़कर भी धर्म की श्रद्धा नहीं करते १८५ १८७ १८८ १९०. १९९ १९४ १९६ १९८ १९९ २०१. जो सज्जाति सुधर्म को छोडकर स्वतंत्र प्रवृत्ति करते हैं क्या मनुष्यवृद्धि हेय हैं ? २१७ ३३२ २२४ वे कैसे हं ? २२८ वे कैसे हैं ? २३४ २३८
SR No.022288
Book TitleBodhamrutsar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar
PublisherAmthalal Sakalchandji Pethapur
Publication Year1937
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy