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________________ अध्यात्म कल्पद्रुम ग्रन्थ तथा ग्रन्थकर्ता जैसे कल्पवृक्ष वांछित फल का दाता है वैसे ही यह ग्रन्थ भी आध्यात्मिक वांछित फल - मोक्ष का दाता है । इसमें ऐसे विषय क्रमशः लिए हैं जो आत्मा में उत्तरोत्तर शांति प्रदान करते हुए ध्येय की तरफ ले जाते हैं । आत्मा का विषय कठिन होने से प्रायः मनुष्यों की मनोवृत्ति इससे दूर रहने की रहती है, परन्तु एक बार इस ग्रन्थ को मन लगाकर अवलोकन करना प्रारंभ करने से इसमें रुचि उत्पन्न हो जाती है । मानव को अपनी वास्तविकता का भान होने लगता है और उसे अपने विषय में विचारने का अवसर प्राप्त होता है, उस पर छाए हुए कुटुम्ब व संसार के लुभावने बादल फटने लगते हैं और वह ज्ञान सूर्य की पतली से किरण द्वारा शरीर के अन्दर रहे हुए स्वामी को देखने का अनुभव करने लगता है । ज्यों ज्यों वह इस ग्रन्थ को पढ़ता है त्यों त्यों उसे अनिर्वचनीय आनन्द प्राप्त होता है और वह आत्म जागृति की ओर बढ़ता है, यही इस ग्रन्थ की सार्थकता है । यह ग्रन्थ आत्मा से सम्बन्धित है अतः इसमें किसी भी तरह का धार्मिक पक्षपात या जातीय वर्गीकरण नहीं है, सब जीवों के समान हित की दृष्टि से यह लिखा गया है। इसकी
SR No.022235
Book TitleAdhyatma Kalpdrumabhidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFatahchand Mahatma
PublisherFatahchand Shreelalji Mahatma
Publication Year1958
Total Pages494
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size21 MB
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