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________________ (७) इस प्रकार से माहण गोत्र का जैन धर्म में खूब महत्व है और इन्हीं महाणा लोगों ने ही अहिंसा-सत्य के प्रचार में सदा साथ दिया है। समाज इनकी तरफ लक्ष दे तो ये बहुत उपयोगी हो सकते हैं । जैन पण्डितों का निर्माण हो सकता है विवाह की विधि कराने के लिए जैनेतर पण्डितों का मुंह न ताकना पड़े, यह इन्हीं का आचार है। यह सब तो प्रसंगोपात निर्देश हुमा, परन्तु श्री फतहचंदजी महात्मा ने इस उपकारी ग्रन्थ को अपने विवेचन द्वारा समाज में सरल और सर्व सुलभ बनाया है अतः वह धन्यवाद के पात्र हैं। ___ आशा है कि भविष्य में वह ऐसा ही साहित्य समाज के समक्ष रखते रहेंगे और अपने "माहण" पद को उज्ज्वल करते रहेंगे। २७-६-५८ चन्द्र नगर सोसायटी जयभिक्खु अहमदाबाद ७
SR No.022235
Book TitleAdhyatma Kalpdrumabhidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFatahchand Mahatma
PublisherFatahchand Shreelalji Mahatma
Publication Year1958
Total Pages494
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size21 MB
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