SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 381
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ +सिदान्तसार मां एवी चिंतवणा करे " अहो इति श्राश्चर्य ! श्री तीर्थकरे मोक्ष साध. वाना हेतु जणी साधुनी देखने आधार देवाने अर्थे पापं रहित थाजीविका साधुने देखामी." पली 'नमोअरिहंताणं' कहीने कानसग्ग पारे. पढ़ी (जीन स्तवन) लोगस्स कहीने, जघन्य त्रण गाथानी सजाय करीने साधु कण एक विसामो ले. ए त्रण गाथामां तो साधु ध्यानमा एवी चिंतवणा करे, एवो अधिकार कह्यो; पण साधुनो थाहार व्रतमा क्या कह्यो ते पाठ बतावो. तेवारे तेरापंथी कदे ले के, बाणुमी गाथाना बीजा पदमा वित्तिसाहुणदेसिया' एवं पद कयुं ने तेथी साधुनो आहार व्रतमां कहीए बीए.” तेनो उत्तर. हे देवानुप्रीय! अहीयां तो वित्ति' नाम आजीविकार्नु कयुं . बेतालीश दोष टालीने ले तेथी साधुनी आजीविका पाप रहित ले. जो वित्ति शब्द कह्यो तेथी साधुनो श्राहार व्रतमां कहो तो एवा पाठ तो सूत्रमा घणा कह्या बे. सूत्र नगवतीजी शतक बारमे मुद्देशे बोजे, नगवंते अधर्मी जीवने सुता जला कह्या. तेमां वित्तिक प्पेमाणा विहर' एवो पाठ बे. अधर्मी जीव अधर्मनी श्राजीविका करता विचरे . ए वित्ति शब्द श्राजीविकानो कह्यो . तमारे लेखे तो शहां पण वित्ति शब्दनो अर्थ व्रत हशे. ए अधर्मी जीव सुता नला कया, एनो पण श्राहार व्रतमा हशे. वली उववार सूत्रमा स्त्री विना मन शील पाले ते पाठमां पण 'वितिकप्पेमाणा विदर' ले. इहां पण 'वित्ति' शब्द ले. तमारे लेखे तो एनो पण श्राहार व्रतमा हशे. वली उववार सूत्रमा श्रावकना गुणमा 'धम्मेणं चेव वित्तिकप्पेमाणा विहरई' कयुं जे. शहां पण वत्ति शब्द ले. ए श्रावकनो पण थाहार व्रतमा हशे. वसी सूयगमांग सूत्रमा श्रधर्म पक्षमा श्रहमेणं चैव वित्तिकप्पेमाणा विहर' कयुं बे. शहां पण वित्ति' शब्द बे. माटे ए अधर्मी पुरुषोनो पण थाहार ब्रतमां हशे. जेम दशवैकालीक सूत्रमा वित्ति शब्दे सा:धुनी भाजीविका कही अने आजीविकाने थाहार कह्या. तेम एटली मग्योए पण वित्ति शब्दनो अर्थ प्राजीविका कीधो, ते बधानो थाहार
SR No.022232
Book TitleSiddhant Sar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGambhirmal Hemraj Mehta
PublisherGambhirmal Hemraj Mehta
Publication Year1908
Total Pages534
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy