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________________ शतपदी भाषांतर. ( १३९) (१५) एक,एक परिकरमांज त्रिबिंब,पंचतीर्थी,चोवीसवटुं,तथा स तरिसयवटुं माने छेवीजा एक परिकरमा एकज बिंब माने छे. (१६) एक गूढमंडपना त्रण द्वार करवा माने छे बीजा एक द्वार करवू माने छे. (१७) एक, देरासरमा एकज प्रतिमा थापवी माने छ; बीजा घणी थापवी पण माने छे. . . (१८) एक सामायिक लीधाथी मोरे श्रावकने इरियावही माने छे बीजा सामायिक लीधा पछी माने छे. (१९) एक देरासर माटे कूवा, बगीचा, गाम, गोकुळ, तथा क्षे त्रादिक देवा वाजबी माने छे केमके स्थानकप्रकरणामां कछु छे के देरासरमां नवा गामगोचर आपवां, जूनां सूनां थयां होय ते सुधारवां तथा नष्टभ्रष्ट थयां होय ते पाछा मेळववां. एम कर्याथी महाफळ थाय छे. बीजा ए वातने उत्सूत्र मानेछे. (२०) एक फेंटा, पाघडी, के टोपी पहेरे छते पण देवपूजा तथा इरियावही माने छे बीजा एक साडी उत्तरासंगथीज ते क रवां माने छे. (२१) एक, श्रावको तथा सोहागण श्राविकाओने वांदणापडि कमणुं माने छे; वीजा नथी मानता. (२२) एक मुख ऊघाडवू माने छे; वीजा नथी मानता. (२३) एक एकवडी मोपती माने छेबीजा बेवडी माने छे. (२४) एक आरतीने निर्माल्य गणी दरेक बिंबदीठ जूदी जूदी आरती करे छे बीजा तेज आरतीवडे बधा बिंबनी आ रती ऊतारे छे. (२५) एक उत्तरसाडी पांच हाथनी, बीजा चार हाथनी, त्रीजा छ हाथनी, अने चोथा जेवी मळे तेवी माने छे.
SR No.022231
Book TitleShatpadi Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendrasinhsuri
PublisherRavji Devraj Shravak
Publication Year1895
Total Pages248
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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