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अनेक पौष्टिक दवाओ, पाको तथा रसवतीयो तैयार करावी, यदि पा सर्व दोषो प्रगट थवानो समय भावे तो नितान्त जूठ अने बीजानी जींदगी माटी भेगी करवा दुनियाथी उतारी पाडवा अनेक खोटा प्रपंचो करवा चूके नहीं. भंडारोमांथी वांचवाना शोधवा लिष्ट करवाना ब्हाने पुस्तकोनी चोरी करवी विगेरे अनेक म्होटा पापो सेवन करे, रात्रिविहार, वाहन आदि साथे राखी विहार करवो, स्वार्थनो उपदेश आपवो, विरुद्ध उपदेश आपवो, स्वाग्रहने पुष्ट करवानो प्रयत्न करवो, तथा लोक समूहमां प्रशंसा कराववा न्हाना न्हाना दोषोनो बचाव करे, तेनुं प्रायश्चित्त ले, लोको समक्ष पश्चात्ताप, गर्दा, निंदा करे. जेवा के-रजोहरणनी आड, मुहपत्तिनी आड, स्त्रीसंघट्टो विगेरे एटले खाळे डुच्चा मारे अने दरवाजा खुल्ला राखे तेना जेवू करे, टुंकमां लोकोमां महात्मापणुं केम जणावाय तेवो प्रयत्न करे.
एवं पोतानामां तेवा विशेष गुणोनो अभाव छतां गुणवान् त्यागी महात्मानो तपस्वीयो, उत्तमगुणी श्रावको अने सज्जनोनी वारंवार अन्य न जाणे तेम वापाटबताथी निंदा करे, तेओने उतारी पाडवा तेओना एक सामान्य सरसव जेटला दोषने मेरु जेटलो बनावी लोको समक्ष अनेकधा टीकाओ करे, वारंवार तिरस्कार करे, पोताना दोष सामे तो देखे ज नहीं, टुंकमां पा लक्षणो गुप्त रीते जेमां होय के जे लक्षणो उपलक दृष्टिये अन्यने न देखाय