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________________ पृष्ठांक. २०७ २१० २१३ २१५ २१७ २१९ विषयांक. विषय का नाम. ५१ सत्तावन प्रकारके वाजिंत्रका स्वरूप ५२ बत्तीसबद्ध नाटकके भेद ५३ जिनमंदिरको जाते पांच अभिगम साचवनेका _ स्वरूप और प्रणामकी विधि ५४ निर्माल्यका स्वरूप ५५ नवांगपूजा करनेका वर्णन ५६ अंगपूजाका स्वरूप ५७ जिनपूजा करते समय श्रावक दयावान ही होता है इस पर जिणह श्रेष्ठीकी कथा ५८ मूलनायकजीकी प्रथमपूजा करनेपर प्रश्नोत्तर ५९ प्रतिमाआदि की स्वच्छता ६. तीनतरह की प्रतिष्ठा ६१ अग्रपूजाका स्वरूप ६२ प्रभुको नैवेद्य धरनेपर कृषकका दृष्टांत ६३ भावपूजाका स्वरूप ६४ साधु और श्रावकको चैत्यवंदनके सात सात भेर ६५ सातचैत्यवंदनका स्वरूप ६६ श्रावकको तीन समय देववन्दन ६७ जिनप्रतिमाकी तीन अवस्था २२२ २२४ २२७ २२८ २३० २३१ २३३ २३४ २३५ २३६ २३७
SR No.022197
Book TitleShraddh Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJain Bandhu Printing Press
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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