SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पृष्ठांक. ६२२ ६२२ ६२३ ( १४ ) विषयांक. विषय का नाम १७४ भोजनोपरांत करनेके स्वाध्यायकी आवश्यकता १७५ सन्ध्याको जिनपूजा प्रतिक्रमण विश्रामणा स्वाध्याय ___ और धर्मकथा, मूलगाथा ९ १७६ एकबार भोजनका उत्सर्ग तथा शामको किस - समय जीमना ? ५७७ दिवसचरिम पच्चखान ऊपर एडकाक्षकी कथा रात्रिकृत्य प्रकाश २ १७८ प्रतिक्रमण करनेका विधि और स्वरूप १७९ प्रतिक्रमणका अभिग्रह पालने ऊपर एक श्रावक का दृष्टांत १८० पांच प्रकारके प्रतिक्रमण व उनको करनेका काल १८१ पक्खीप्रतिक्रमण चतुर्दशीको करना कि पूर्णिमाको ? इसका खुलासा १८२ चिरंतनाचार्यकृत पंच प्रतिक्रमण करनेकी विधि १८५ शीलांगरथ और श्रमणरथका स्वरूप १८४ पांचपदकी और नौपदकी अनानुपूर्वी का स्वरूप फलादिः . १८५ समाय करने पर धर्मदासश्रावकका दृष्टांत १८६ श्रावकने घरके मनुष्योंको धर्मोपदेश करना उसका ६२८ ६२९ ६३० ६४१ ६४३ ६४४ स्वरूप ६४५
SR No.022197
Book TitleShraddh Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJain Bandhu Printing Press
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy