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________________ १८२ १९९ .१८२ २०० .१८४ .............२०२ विषयमार्गदर्शिका विषय पृष्ठ विषय द्रव्यानुयोग में पृच्छा - तद्देश उपमान ............... .....१७७ दिक्पदार्थप्रदर्शनम् ........... निश्रावचन तद्देश ४/२ १७७ शास्त्र के तात्पर्य के अनुसार ही तद्दोष उदाहरण में अधर्मयुक्त उदाहरण १/३ .......... १७९ अर्थव्याख्यान मुनासिब ....... प्रतिलोम तद्दोष उदाहरण २/३... .............१७९ केवल यथाश्रुतार्थव्याख्यान में आगम की ध्येयंपदव्याख्यानम् ...... ............. १७८ आशातना .................. प्रतिलोमस्थापनयोविशेषाविष्करणम् .... १८० हेतुवादागमवादविषयमीमांसा ... नयवादाश्रयणस्योपादेयत्वविचार .. १८० द्वितीयः स्तबकः.......... द्रव्यानुयोगाधिकृत प्रतिलोम तद्दोष ..................१८० असत्यभाषा लक्षण और भेद . ............. त्रिराशिमतविचार........ ........... १८१ उपमासत्य भाषा मृषा नहीं है ....... ............... द्रव्यानुयोग प्रतिलोम तद्दोष उपमान में दोषप्रदर्शन ....१८१ मृषाभाषालक्षणद्वयभेदप्रदर्शनम् ........ ......... आत्मोपन्यास तद्दोष उदाहरण ३/३ ......................१८१ मृषाभाषा का पारिभाषिक लक्षण.. द्रव्यानुयोग में आत्मोपन्यास . ............. मृषा भाषा के द्रव्य-क्षेत्र आदि की दुरुपनीत तद्दोष उदाहरण ४/३... .........१८३ अपेक्षा चार भेद शौचनिरुक्तिः नियुक्तिवचनविरोधपरिहारः उपन्यास उदाहरण ४............... द्रव्य-भाव में असत्य वचन की चतुर्भगी ......... २०० चरणकरणानुयोगाधिकृत तद्वस्तूपन्यास असत्य भाषा के १० भेद ........... उदाहरण १/४ .............. ...१८५ क्रोधनिःसृत असत्यभाषा १/२ ....... तद्वस्तूपन्यास नदशनान्तरानरूपणम् .............१८४ क्रोधप्रयुक्त सब वचन मृषा ही है.......... ............. मांसभक्षणादि सदोष है ........ ..............१८६ योगनिमित्तक कर्मबन्ध कषाय के अनुरूप ज्ञानसिद्धिकार-प्रज्ञोपायविनिश्चयसिद्धिकार ___ही होता है .......... ........... २०४ मतनिरासा द्रव्यानुयोग में तद्वस्तु उपन्यास .......१८७ अप्रशस्तकषायप्रयुक्त भाषा अत्यन्त दुष्ट है २०४ तदन्यवस्तु उपन्यास २/४ ............. १८८ कर्मबन्धहेतुतायां विचारविशेषः चरणकरणानुयोग में तदन्यवस्तूपन्यास. ........... १८८ माननिःसृत असत्य भाषा २/२ द्रव्यानुयोग में तदन्यवस्तूपन्यास ........... मायानिःसृत असत्य भाषा ३/२ ...... ध्येयंपदव्याख्यानम् ............ ............. १८८ लोभानिःसृत असत्य भाषा ४/२.... .......... प्रतिनिभे विमर्शविशेषः....... १९० प्रेमनिःसृत मृषा भाषा ५/२...... .............. प्रतिनिभ उपन्यास ३/४ ............. .............. १९० द्वेषनिःसृत मृषा भाषा ६/२............ ................२०७ हेतु उपन्यास उदाहरण ४/४ ........ ...१९१ द्वेष और क्रोध की भेदरेखा .......... .२०८ यावत्त्वनिर्वचनम् ............. ........... १९२ हास्यनिःसृत मृषा भाषा ७/२ ............ सदुपमानघटित भाषा सत्य है ........................१९२ अतिशयस्वरूपनिरुक्तिः.. २०८ संभावित धर्म पुरस्कार से उपमाप्रवृत्ति ............... १९२ तृतीयार्थनिरूपणम् ............ २१० असाधारण्यनिर्वचनम् . १९३ भयनिःसृत मृषा भाषा ८/२........... ध्येयंपदव्याख्यानम् ............ ................... भारतरामायणाऽसम्बद्धवचनोल्लेखः ................. असाधारण धर्म से उपमा की प्रवृत्ति .....................१९३ आख्यायिकानिःसृत मृषा भाषा ९/२ ...................... व्यतिरेक अलंकार का समावेश ...........................१९४ उपघातनिःसृत मृषा भाषा १०/२......................... व्यतिरेकालङ्कारविमर्शः ......... ........... १९४ उपनिषदादीनामप्रामाण्याविष्करणम .................२११ (xxii) २०४ २०५ .१८७ ...... ''....२०६ २०९ .......... २०९ १९३
SR No.022196
Book TitleBhasha Rahasya
Original Sutra AuthorYashovijay Maharaj
Author
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year2003
Total Pages400
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size17 MB
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