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यह भी एक सुखद संयोग की बात है कि- सिरोही सवर्नमेष्ट कॉलेज के विद्वान व नवयुवक उत्साही प्रोफेसर श्री सोहनलालजी पटली का मेरे पास यकायक वन्दना हेतु माना हुआ । मैंने अष्टक प्रकरण पर संशोधनात्मक दृष्टि डालने का व अष्टकप्रकरणकार महर्षि का चिंतनात्मक परिचय लिखने का भार पटनीजी पर डाला । पटनीजी ने अपने दायित्व को सुन्दर ढंग से निभाकर सुकृत कमाया। मैं आशा करूंगा कि. अष्टक प्रकरण के अध्ययन मनन व चिंतन द्वारा सम्यग्ज्ञानालोक से सभी लाभान्वित हों !
वीर सं. २४
विक्रम सं. २०२६ |
मुनि मनोहर विजय नेमि सं. २४ कार्तिक शुक्ला १, तपागच्छीय श्री विजयहीर सूरीश्वर श्री गौतमस्वामिकेवलज्ञानोपलब्धि श्री जैन संघ उपाश्रय जैन वीशी. एवं शासनसम्राट् जन्म शताब्दी
सुनारवाडा, सिरोही (राज.).
समारोह. दिन.