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________________ क्रम. १. २. ३. ४. ६. ७. ८. ९. १०. ११. १२. १३. १४. १५. १६. १७. १८. १९. २०. मनु ऋणादान निक्षेप अस्वामिविक्रय सम्भूयसमुत्थान दत्तस्यानपाकर्म वेतनादान संविदव्यतिक्रम क्रयविक्रयानुशय स्वामिपालविवाद सीमाविवाद वाक्पारुष्य दण्डपारुष्य स्तेय साहस स्त्रीसंग्रहण स्त्रीपुंधर्म विभाग ( दायभाग ) द्यूतसमाह्वय याज्ञवल्वय १. ऋणादान २. उपनिधि ३. अस्वामिवि० १७. सम्भूयसमु० ७. दत्ताप्रदानिक ११. वेतनादान १०. संविदव्यति. ८. क्रीतानुशय १६. विक्रीयसंप्रदान० ५. स्वामिपालविवाद ४. सीमाविवाद १३. वाक्यपारु. १४. दंडपारुष्य १८. स्तेय १५. साहस १९. स्त्रीसंग्रहण ३. दायविभाग १२. द्यूतसमा. ९. अभ्युत्या २०. प्रकीर्णक बृहस्पति १. कुसीद (ऋण) २. निधि ८. अस्वामिवि० ४. सम्भूयोत्थान ३. अदेयाद्य ५. भृत्यदान १०. संमिवातिक्रम ९. संमिवविक्रया. ११. क्षेत्रविवाद १६. वाक्यपारु. १६. दंडपारुष्य १२. स्तेय १४. साहस (वध) १८. स्त्रीसंग्रहण : १२. स्त्रीपुसयोग १३. दायभाग नारद १. ऋणादान २. निक्षेप ७. अस्वामिवि. ३. सम्भूयत्थान ४. दायभाग, ४. दत्ताप्रदा. ५. सीमाविवाद ६. वेतनस्यानपाकर्म ६. वेतनादान १०. समस्यानपा ९. क्रीतानुशय ८. विक्रीयसम्प्रदान ७. भूवाद १६. वाक्यपारु. १६. दंडपारुष्य १२. स्तेय १७. वध १८. स्त्रीसंग्रहण ११. + हेम १. ऋणादान २. सम्भूयोत्थान ३. देयविधि, १३. दायभाग १७. द्यूतसमाहय १४. अक्षदेवन १८. प्रकीर्णक ५. अभ्युप्रेत्याशुश्रूषा ६. अशुश्रूषा १९. प्रकीर्णक ७. क्रयेतरानुस० ८. स्वामिभृत्यवि० ९. निक्षेप १०. अस्वामिवि० ११. वाक्पारुष्य १२. मर्यादाव्यतिक्रम, १३. स्त्री-संग्रह १४. द्यूत-विवाद १५. स्तैन्यप्रकरण १६. साहस, १७. दण्ड पारुष्य १८ स्त्री-पुरुषधर्म (xxv)
SR No.022029
Book TitleLaghvarhanniti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemchandracharya, Ashokkumar Sinh
PublisherRashtriya Pandulipi Mission
Publication Year2013
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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