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________________ सीमाविवादप्रकरणम् १२५ साक्ष्यभावे महीपालः स्थापयेद् द्वौमिथस्तयोः। यो रक्तवासा निर्याति यावता तावतावधिः॥१४॥ नृपस्तत्रैव सीमाया लिङ्गानि कारयेद्रुतम्। प्लक्षनिम्बादिवृक्षैश्च ग्रावाद्युपचितस्थलैः॥१५॥ (सीमा विवाद की स्थिति में) साक्षी न होने पर राजा उन दोनों वादियोंप्रतिवादियों में परस्पर यह निश्चय करे कि जो रक्त वस्त्र धारण कर निकले और जितनी (भूमि अपनी बताये) उतनी सीमा तक राजा वहीं शीघ्र सीमा का चिह्न करवाये, प्लक्ष (बरगद अथवा गूलर) नीम आदि वृक्षों और प्रस्तर आदि से चिह्नित स्थल से (सीमा निर्धारित करवाये)। (वृ०) यदि साक्षिणो न स्युस्तदा किं कार्यमित्याह - यदि साक्षी न हों तब क्या करना चाहिए - निर्यातौ नोभयौ चेत्तत्समन्ताद्ग्रामभूमिपाः। चत्वारोऽष्टौ दश स्थाप्याः सीमानिर्णयकर्मणि॥१६॥ तेऽपि रक्ताशकं धार्य निष्कामन्ति यतस्ततः। सीमावधिं विनिश्चित्य चिह्नानि कारयेन्नृपः॥१७॥ यदि वे दोनों (रक्त वस्त्र धारण कर) नहीं निकलते हैं तो निकटस्थ चार स्वामियों को चार, आठ और दस की संख्या में सीमा-निर्णय के कार्य में लगाना चाहिए। वे (नियुक्त) निर्णायक भी रक्त वस्त्र धारण कर निकलते हैं और जो (भी सीमा बतायें) उसे सीमा निश्चित कर राजा चिह्न करवाये। - (वृ०) यदि तयोर्मध्ये नैकोऽपि निष्क्रान्तस्तदा किं कार्यमित्याह यदि दोनों (वादी और प्रतिवादी) के मध्य एक भी न निकला हो तब क्या करना चाहिए, इसका कथन - अत्र ग्रामभूमिपपदस्योपलक्षणेन ग्रामसीमानिर्णये समन्तादग्रामाधिपाः क्षेत्रसीमासंवादे समन्तात् क्षेत्राधिपा देशसीमासंवादे समन्तातद्देशाधिपा गृहसीमाविवादे पार्श्ववर्तिगृहाधिपाश्च स्थाप्यास्तेषां रक्तवस्त्रधारणं तु बहुलोकसमक्षं विलक्षणवेषेण तत्कार्यं कुर्वता लज्जया मृषाभाषणं न स्यादित्यर्थः। यतेऽपि न सन्ति तत्र वनवासिनो व्याधभिल्लगोचारकादीन् समाहूय पृष्ट्वा च तत्त्वनिर्णयः कार्य इति विशेषः। उपरोक्त श्लोक में 'ग्रामभूमिप' शब्द से ध्वनित होता है कि ग्राम-सीमा के निर्णय में चारों ओर के ग्राम-प्रमुखों, क्षेत्र-सीमा विवाद में चारों ओर के क्षेत्र-प्रमुखों, देश-सीमा के विवाद में चारों ओर के देश के स्वामियों और गृह-सीमा के विवाद
SR No.022029
Book TitleLaghvarhanniti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemchandracharya, Ashokkumar Sinh
PublisherRashtriya Pandulipi Mission
Publication Year2013
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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