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________________ ६५ एक वधारानो मी १० थया । पछी छेला अंक उपरनो गो ने पदनो बीजो अंक बगडो ते मेलवतां १ ५ ६ ७ आवुं रूप २० मुं थयुं, केमके चोगडा उपरना त्रण अने त्रगडा उपरना छ अने बगडा उपरना दश ए त्रणेनो सरवालों करता: १९ थाय, मां एक वधारानो भेलवतां २० थया । हवे छेला अंक उपरनो जे गडो ते पदना पहेला अंकमां मेलवतां ४५ ६ ७ आ रूप: ३५ युं, केमके पदना चारे अंकनो सरवालो करतां ३४ ने एक वधारानो एम ३५ थाय, ने जोइये छे २३ मुं माटे वीशमुं पद १ ५ ६ ७ छे, ते पछीनुं एकवीशमं पद लखवुं २३४५ आनी उपर अंक मुकवाने पूर्वनी पेठे यंत्र करवो— गुणक. ३ भाजक ३ ૨ ? ક m' ५. ५. ઢ आमा ७ माथी पांच काढता वे वध्या ते मध्य पंक्तिना पहेला कोठामा मुक्या छे, पछी पूर्वनी पेठे उपरला कोठा गुणां हेठेनी पंक्तिये भागतां मध्यना कोठा भर्या छे. मध्य पंक्तिना कोठा पण एकवीशमा पद उपर विलोमक्रमथी लखवा ते आवी. रीते - ५ ४ ३ २ हवे छेला बेना अंक ने पदनो छेल्लो अंक २ ३ ४ ५ जे पांचडो तेमां भेवतां २ ३ ४७ आ रूप २३ मुं थयुं, केमके
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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