SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 270
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २५२ ग्रंथ ४ थो. पूर्वानुपूर्वीना भांगा. प्रकरण १ लु-प्रस्तार संख्या. जेटला द्रव्यना पूर्वानुपूर्वी भांगा काढवा होय तेटला आडा खानावालो वे पंक्तिनो यंत्र करवो । पहेली पंक्तिना खानामां अनुक्रमे अंको लखवा, बीजी पंक्तिना पहेला खानामां, एक मुकवो । तेने तेनी उपरना जमणा खानाना अंक साथे गुणाकार करी ते आंक उमेरी. बीजो खानो भरवो । एम बधा खाना भरवा। जेमके एकथी आठ द्रव्यना पूर्वानुपूर्वी भांगागुणांक १२ लब्धांक | १ ४ | १५ ६४ | ३२५ १९५६ १३६९९ १०९६०० आ यंत्रथी एक द्रव्यनो ? भांगो, बेना चार, त्रणना १५ चारना ६४, पांचना ३२५, छना १९५६, सातना १३६९९ अने आठना १०९६०० भांगा थाय एम जणाय छ । एवी रीते जेटला द्रव्यना भांगा जाणवा होय ते आवो यंत्र करी जाणवा। अथ संयोगीसंवेधयंत्र । चार द्रव्यना ६४ भांगा थाय पण तेमां असंयोगी द्विक संयोगी वगेरेना केटला केटला भांगा थाय ते जाणवू होय तो
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy