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________________ २५१ जेटला पदनी अनुपूर्वी होय ते संख्याथी उक्त गुणाकारने भागवो। लब्धांकने जेटला पदनी अनुपूर्वी होय तेटली वार एक एक स्थान डाबी बाजु छोडीने जमणी बाजु वधारी नीचे नीचे अंक मुकवा. तेनो जे सरवालो थाय ते ते पदनी अनुपूर्वीना प्रस्तारना अंकोनो एकंदर सरवालो समजवो । जेम पांच पदनी अनुपूर्वीना प्रस्तारना अंकोनो सरवालो करवो होय तो तेनो पहेलो प्रस्तार १-२-३-४-५, आनो सरवालो १५ थाय । पांच पदनी अनुपूर्वांना प्रस्तारनी संख्या १२० छे तेने १५ थी गुणतां १८०० थाय. तेने पांचथी भागतां ३६० आवे. तेने पांच वार उपर कहेल रीति प्रमाणे गोठवतां तेनो सरवालो ३९९९९६० थाय । अंकोनी गोठवण आ प्रमाणे 0.0m ३९९९९६० आ संख्या पांच पदनी अनुपूर्वीना प्रस्तारना अंकोनी एकंदर संख्या छे । एवी रीते गमे ते अनुपूर्वीना प्रस्तारना अंकोनी संख्या काढबी। इति प्रस्तार अंक संकलनविधि ।
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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