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________________ રરક हेणं दुविहं दुविणं ) नुं सूचन करे छे । अर्थात् बीजुं व्रत पहेले अनेत्री व्रत बीजे भांगे आदर्यु | एकंदर रीते ६६०००००० आ भांगानो अर्थ एवो थाय छे के कोई माणसे आठ व्रतमांधी पहेलुं अने बीजुं व्रत छठे भांगे आदर्यु । ०१२००००० आनो अर्थ अ के कोई माणसे आठ व्रत पैकी बीजुं व्रत पहेले भांगे अने त्रीजुं व्रत बाजे भांगे आदर्यु । पहेलुं चोथुं पांचमुं छठु सातमुं अने आठ ए छ व्रत शून्य एटले आदर्या वगरनां समजवां । एम दरेक भांगानुं तात्पर्य समजनुं । प्रकरण ५ मुं- नष्टविधि. भांगाना नष्ट विधि. गमे ते व्रतना कुल भांगामांथी अमुक संख्यानो भांगो पूछवामां आवे तो ते पुछेल संख्यामांथी सूचीना यंत्रमां - देवकुलिकामां जोई असंयोगी तथा द्विकसंयोगादिकना जेटला जेटला भांगा बाद थई शके तेटला एक पछी एक अथवा सरवालो करी बाद करवा. एम बाद करतां करतां जे संयोगीमांनी संख्या ते पुछेला भांगामांथी वाद थई न शके त्यारे जाणवुं के पुछेल भांगो, ते संयोगीमांथी नीकलशे । पछी ते संयोगीना विकल्प अने पद केलां छे ते सूचीयंत्रमां जोई लेवं । पछी बाद करतां जे संख्या बाकी रही छे तेने (प्रस्तारनी पहेली रीत प्रमाणे ) ते संयोगीना विकल्पनी संख्याए भागवी । भागतां जे लब्धांक आवे मां एक उमेरतां जे थाय तेटलामुं पद, ते पुछेल भांगानुं समजवु. अने भागाकार करतां जे शेष वधे तेटलामो विकल्प, ते पुछेल
SR No.022015
Book TitlePrastar Ratnavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Swami
PublisherAgarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay
Publication Year1925
Total Pages282
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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