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________________ विषयानुक्रमणिका ५५३ अज्ञानी उल्लू ५५४ आगमपर मलिनयखाच्छादनफल ५५५ अविनय फल ५५६ साधुजनोंकी परोक्षमें निंदा न करें ५५७ गुरुके प्रति क्रोधका निषेध ५५८ अन्यनिंदाफल ५५९ मूर्खोका शाप कुछ नहीं कर सकता है ५६० गाली देनेवालोंके लिए प्रायश्चित्त नहीं है ५६१ विना शुद्धि के दान पूजा व्यर्थ है ५६२ शाखादि के प्रति उदासीन न होवें ५६३ शास्त्रपठन निषिद्धस्थान ५६४ मूर्ख लोग विद्वानोंका अनादर करते हैं ५६५ शास्त्रोपदेशक के अभिप्राय का घात न करें ५६६ उपदेशकों के प्रति उदासीन नहीं होवे ५६७ उदासीन लक्षण ५६८ विद्वानोंके अनादरसे होनेवाली दस बातें पृष्ठ २९५ २९५ ३९ २९६ ४०-४१ २९६ ४२ २९७ ४३ २९७ ४४ २९८ ४५ २९८ ४६ २९९ ४७ २९९ ४८ २९९ ४९ ३०० ३०० ३०० ३०० ३०१ ५६९ अल्प वेतनका निषेध ३०१ ५७० पुस्तकादिन्यासापहरणनिषेध ३०२ ५७१ इस से ज्ञानदर्शनावरण कर्मका बंध होता है ३०२ ५७२ मिध्यादृष्टि ३०२ ५७३ कलिकाल में शास्त्रस्वाध्यायको दशा ३०३ ५७४ मायाचारसे ज्ञानादि गुण प्रकट नहीं होते हैं ३०३ ५७६ दुराचारी विद्वानों को कष्ट देते हैं ५७६ जिनागमकी रक्षा करो ५७७ उपसंहार -२५ इति शास्त्रदानविधानम् । लोक ३८ ५० ५१ ५२ ५२ ५४ ५५ ५६ ५७ ५८ ५९ ६० ३०३ ६१ ३०४ ६२ ३०४ ६३
SR No.022013
Book TitleDan Shasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovindji Ravji Doshi
Publication Year1941
Total Pages380
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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