SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 69
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिग्गहाओ एकच्चाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोहाओ पेजाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अतिरतीओ मायामोसाओ मिच्छादसणसालाओ पडिविरया जावजीवाए एकच्चाओ अपडिविरया एकच्चाओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया जावज्जीवाए एकच्चाओ अपडिविया एकच्चाओ करणकारावणाओ पडिविया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया |एगच्चाओ पयणपयावणाओ पडिविरया जावज्जीवाए एकच्चाओ पयणपयावणाओ अपडिविरया एकच्चाओ कोट्टणपिट्टणतजणतालणवहबंधपरिकिलेसाओ पडिविया जावज्जीवाए एकच्चाओ अपडिविरया एकच्चाओ पहाणुम्मणवण्णगविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंधमल्लालंकाराओ पडिविरया जावज्जीवाए एकच्चाओ अपडिविरया जे यावण्णे तहप्पगारा सावजजोगोवहिया कम्मंता (सावजा अबोहिया पा०) परपाणपरियावणकरा कज्जति तओ जाव एकच्चाओ अपडिविया तं०( से जहानामए पा०) समणोवासगा भवंति अभिगयजीवाजीवा उक्लद्धपुण्णपावा आसवसंवरनिजरकिरियाअहिगरणबंधमोक्खकुसला असहेज्जा देवासुरणागजक्खरक्खसकिन्नर किंपुरिसगरुलगंधव्वमहोरगाइएहिं देवगणेहिं निग्गंथाओ पावयणाओ अणइक्कमणिज्जा णिगंथे पावयणे णिस्संकिया णिक्खंखिया निव्वितिगिच्छा लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा अभिगयट्ठा विणिच्छियट्ठा अहिभिंजपेम्माणुरागरत्ता अयमाउसो! णिग्गंथे पावयणे अढे अयं परमटे सेसे अणढे असियफलिहा अवंगुयदुवारा चियत्तंतेउरघरदारप्पवेसा चउद्दसमुद्दिठ्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्ण पोसह सम्म अणुपालित्ता समणे णिग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइभसाइभेणं ॥ औपपातिकमुपांग ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private and Personal Use Only
SR No.021014
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages81
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy