SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir पुच्छा, गोयमा! जहन्नपदे अपदा उक्कोसपदे य अपदा अजहन्नुकोसियपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, बेइंदिया णं पुच्छा, गोयमा! जहन्नपदे कडजुम्मा उक्कोसपदे दावर जुम्मा अजहन्नमणुक्कोसपदे सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, एवं जाव चतुरिदिया, सेसा एगिदिया जहा बेदिया, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जाव वेमाणिया जहा नेरइया, सिद्धा जहा वणस्सइकाइया, इत्थीओ णं भंते! किं कडजुम्मा पुच्छा, गोयमा! जहन्नपदे कडजुम्माओ उक्कोसपदे कडजुम्माओ अजहन्नमणुकोसपदे सिय कडजुम्माओ जाव सिय कलियोगाओ, एवं असुरकुमारित्थीओ जाव थणियकुमारइत्थीओ, एवं तिरिक्खजोयइत्थीओ एवं मणुसित्थीओ एवं जाव वाणमंतरजोइसियवेमाइयदेवित्थीओ।६२५। जावतिया णं भंते! वरा अंधगवहिजो जीवा तावतिया पर अंधगवण्हिणो जीवा?, हंता गोयमा! जावतिया वरा अंधगवण्हिणो जीवा तावतिया परा अंधगवण्हिणो जीवा । सेवं भंते! २त्ति ६२६१२० १८ ३० ४॥ ___ दो भंते! असुरकुकमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववत्रा तत्थ एगे असुरकुमारे देवे पासादिए दरिसणिज्जे अभिरूवे एगे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादिए नो दरिसणिजे नो अभिरूवे जो पडिरूवे से कहमेयं भंते! एवं?, गोयमा! असुरकुमारा देवा दुविहा पं० २०-वेउब्वियसरीरा य अवेउब्वियसरीरा य, तत्थ णं जे से वेउव्वियसरीरे देवे से णं पासादीए जाव पडिरूवे, तत्थ णं जे से अवेउब्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए जाव नो पडिरूवे, से केणद्वेष भंते! एवं वुच्चइ तत्थ णं जे से वेउब्वियसरीरे तं चेव जाव पडिरूवे?, गोयमा! से जहानामए इहं मणुयलोगंसि दुवे पुरिसा भवंति एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए ॥ ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥ ५. सागरजी म. संशोधित For Plate Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy