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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shul Kalashsagarsuri Gyanmandir | पुढवीकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं वणस्सइकाइएऽवि जाव अंतं करेति, से कहमेयं भंते! एवं?, अज्जोत्ति समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति त्ता समणं भगवं महावीरं वंदति नभसंति त्ता एवं वयासी एवं खलु भंते! मागंदियपुत्ते अणगारे अहं एवभाइक्खति जाव परूवेति एवं खलु अजो! काउलेस्से पुढवीकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं वणस्सइकाइएऽवि जाव अंतं करेति, से कहमेयं भंते! एवं?, अजोत्ति समणे भगवं महावीरे ते समणे निग्गंथे आमंतित्ता एवं क्यासी जण्णं अज्जो! मागंदियपत्ते अणगारे तुझे एवंाइक्खति जाव परूवेति एवं खलु अज्जो! काउलेस्से पुढवीकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो! काउलेस्से आउकाइए जाव अंतं करेति, एवं खलु अजो! काउलेस्से वणस्सइकाइएऽवि जाव अंतं करेति, सच्चे णं एसमटे, अहंपिणं अजो! एवमाइक्खामि०, एवं खलु अजो! कण्हलेसेहितो पुढवीकाइएहितो जाव अंतं करेति, एवं खलु अज्जो! नीललेस्से पुढवीका० जाव अंते करेति, एवं काउलेस्सेऽवि, जहा पुढवीकाइए, एवं आउकाइएऽवि, सच्चे णं एसपढे । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति समणा निगंथा समणं भगवं महा० ० नम० ता जेणेव मागंदियपुत्ते अणगारे तेणेव उवाग० त्ता मागंदियपुत्तं अणगारे वंदंति नभ० त्ता एयभटुं सम्मं विणएणं भुजो २ खामेति । ६१९। तए णं से मागंदियपुत्ते अणगारे उठाए उठेति त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति त्ता समणं भगवं महा० ० नभ० त्ता एवं क्यासी अणगारस्सणं भंते! भावियप्पणो सव्वं कम्मवेदेमाणस्ससव्वं कम्म निमाणस्ससव्वंमारं मरमाणस्ससरीरं विष्पजहमाणस्स ॥ श्रीभगवती सूत्र॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021007
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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