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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ १०॥ ॥ ११ ॥ ॥१२॥ ॥ १३ ॥ ॥ १४ ।। १५ ॥ चक्खू अचक्खू ओही-केवल आवरण निद्दपयलाओ। निद्दानिद्दा पयला-पयला थीणद्धी अस्सायं मिच्छं कोहो माणो, माया लोभो चउबिहा चउरो । अण अपच्चक्खाणा, पच्चक्खाणा य संजलणा पुंइत्थीकीववेया, हासरइअरइसोगभयगरिहा। नरयाउ नरयतिरियगइ-णुपुव्वी इगबितिचउजाई तसदसगं विवरीयं कुखगइ उवघाय असुहवण्णचऊ। रिसहनराय नराय, द्ध कीलि छेवट्ठ संघयणा नग्गोह साइ वामण, खुज्जं हुंडं च नीचगुत्तं च । बलदाणलाभभोगो-वभोग विग्घाइ बासीइ सुइनयणघाणजीहा-देहा पंचिंदिया कसायचऊ । वहअलियचोरियाबंभ-परिग्गहा अव्वया पंच मणवयणकायजोगा, तिण्णि किरिया इमाउ पणवीसं । काइय अहिगरणीया, पाओसिय पारितावणिया पाणाइवायारंभिय, अपच्चक्खाणमायपरिग्गहिया । मिच्छत्तदिट्टिपुट्ठिय, पडुच्चसामंतवणिया य आणवणिवियारणिया, नेसत्थिसहत्थिसमुदयपओगा। अणभोगअणवकंखा, पिज्जदोसेरियावहिया इय आसव बायाल, सामाइयमाइ पंच चारित्ता । सीउण्हतण्हछुहदंस-चेलरइइत्थीचरियाओ सेन्जनिसीहियजायण-मलवहअक्कोसरोगसक्कारा । तणफासा य अलाभा, पण्णाअण्णाणसम्मत्तं इय बावीस परीसह, जइधम्मो दसह संजमो सच्चं । खमविणयज्जवमुत्ति, तव सोय अकिंचणं बंभं ॥ १६ ॥ ॥ १७ ॥ ॥ १८ ॥ ॥ १९ ॥ ॥ २० ॥ ॥ २१ ॥ ૧૨૯ For Private And Personal Use Only
SR No.020963
Book TitleShastra Sandeshmala Part 22
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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