SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 354
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८० पन्दिपार्विशतिः केवलज्ञान दुमारित्र १०७ गर्व ३६ कुन्थुनाथ " दर्शनादि कुपात्र १९| दर्शनावरण कुमति चिप २४ दसधर्म कुरुगोत्र चिपमहः ११ कृत ११.,१४. चिन्तामणि २.०,२२५ दशमशक कृतकृत्य ११५,१८३,२१२ धूलिका २१९ १२८,११,१५-१६ कृतकृस्यता १०,१४. १५ दामतीर्थ कृष्ण चैत्यगृह २१ चैत्यालय १११-१५ दिगम्बर केवलदर्शन चौर्य दिग्बत केवललब्धि १२. दिवामुक्त केवली २०६ १०,२.० दिम्यध्वनि (वाणी) छमस्थता केशलोच दुन्दुमि २००,२३० क्षणिक ५२,५५ जघन्य पात्र क्षायिकज्ञान जन्मखान दुःखमकाक गणेश २१४ दुषमकाल २५३ जात्यन्धहरखी गादित्रय गार्हस्थ्य जात्यादिगर्व जिन गुणवत जिनदेव १२० जिनपति १०९,२४७ देशमा २५. जिनवाणी गुरु २६,८१,२५४,२५५,२६१ देशव्रत १३०,११९ गुरूपाखि १२८ जिनसन देशवतधारी ११० जिनाकृति ८,९,१४ गृहस्पता | जीवितदान गृहाश्रम १२९,१३३ जैनी वार गृहिधर्म ज्ञान ३१,१५,१८,१८३ गृहिमत ज्ञानावरण धरणेन्द्र गेहिवत तत्ववित् १,५१,५२,११,७०,., १५९ तप २९,८३, १२८, २४७ ८३,९१,१२,१२८, ग्रामपति १५५ ३०,१०१६,२०,२५७ चक्रवर्ती १०,३८,७५,२२५,२६६ धर्मरसायन तीर्थत्व १.३ धर्मसुत चतुर्दशरत त्याग धर्मानुप्रेक्षा चतुर्विधदान धर्मास्तिकाय चरित्र नमस् चरित्र ३१,३४,१८,१४४, दण्डवर्जन १३९ नमि १६७,१८३ दया ५६,११,१११ m चामर २०५,२३९ दर्शन ७,६४,११,१८,१८३/ १९१,२.८,२२० गुप्ति १९६ दैतबुद्धि १२ गोत्र चतुरर्थ त्यागकर्म ११७
SR No.020961
Book TitlePadmanandi Panchvinshti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchandra Siddhantshastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year2001
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy