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________________ विशेष-शब्द-सूची मक्षज दुख मक्षज सुख अज-पूर्व अङ्गवास २२४ अचौर्यवृत्ति मजित मणिमादि अणुवत भणुव्रतधारी मणुव्रती बतिचारिता अद्वैत अधर्म मध्रुवानुप्रेक्षा मननुमति २७ । शब्द पृष्ठ १४९ अर्थक्रिया भई उत्तमक्षमा ३५,१३० भवधिह उत्तरगुण २०,१६०,२४० मविरति उदय ४९,१५४ मशनदान उदीरणा | मशरण उदुम्बरपंचक २२० अशुचिस्व उद्दिष्टविरति ५८,१६९ माभोपयोग उपचार ३१,३९,१४६ मशोक २०६,२३८ उपाश्रुत १५४ १४५ मसात उपाध्याय (अध्यापक) ८१,८६ | मसात कर्म उपासक १२९ महम् ६४-६५ उपासकाध्ययन भहिंसा ११७,१६७,२५२ अर्जयन्त १३४ २३२ माकिंचन्य ४१ ऋषम १३५ भाखेट ४८,१३५ माचार २०,२७,११८ एकाक्ष २६० भाचार्य (सूरि) एकादशस्थान ४३,२५२ माग्मा ५५-५५,१२,११५,१४८ एकान्तवाद आरमोस्थ सुख १५१ एकान्तवास मादिजिन एकान्तविधि १३४,१५,१३० मायजिन भौषधदान ९१,१३,१४०-११ ४४,१४९,२३३ माध्यात्मिकसुख कच्छुकारु भान्तरसंयम कमठ २३२ मायु कलि १९,२५ भारम्भविरति ७६,२.३ १३५ भाराधना १३,१५४ २१७,२२३ मार्जव कल्पाधिप ११८मात १२८ कषायनिग्रह २४ मालोचन काम ९४,३० भावरण २६३ कामगो ७६ २२७ मावश्यक क्रिया १८ कामधेनु २१७,२२३ भासद भव्य काय १६० मानव १३६ | कायक्लेश भाहारदान कायोत्सर्ग १,२०४ २३८ इन्द्रजाल २६,३६,७९,९३,९६ कारक १५४ २३२ | ईश्वर २१३ कारित १६०,२४७ ९४,१३० । उत्कृष्टपात्र ९. काल मनन्तचतुष्टय मनन्तबोधादि अनन्तसौख्य भनुप्रेक्षा भन्तराय भन्स्यविधि अन्धकवर्तकीय मन्धहस्तिविधि २२३ अप्रमत्त बम्जनन्दी मभयदान अभिनन्दन भमूर्तत्व सम्भोजनन्दी मम्भोरुहनन्दी भर मरिष्टनेमि
SR No.020961
Book TitlePadmanandi Panchvinshti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchandra Siddhantshastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year2001
Total Pages359
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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