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________________ Shri Mahawan Avadhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie * व्याख्या -* १०वके उदेशा५ // 916 // - पिसायरन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ?, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नताओ, तंजहा-कमला कमल|प्पभा उप्पला सुदंमणा, तन्थ ण एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं सेसं जहा थमरलोगपालाणं, परियारो | तहेव, नवरं कालाए रायहाणीए कालंसि सीहासणं सि, सेस तं चेव, एवं महाकालस्सवि। | [प्र०] हे भगवन् ! भूतानेंद्रना लोकपाल नामविनने केटली पट्टराणीओ कही 21 [उ०] हे आर्य! तेने चार पट्टराणीओ कही 2. ते आ प्रमाणे-सुनंदा, सुभद्रा, सृजाता अने सुमना. तेमां एक एक देवीनो परिवार वगेरे बधुं चमरेन्द्रना लोकपालोनी पेठे| जाणवू. ए प्रमाणे बाकी रहेला त्रणे लोकपालोना संबन्धे जाणवू. जे दक्षिण दिशिना इन्द्रो छे तेओने धरणेन्द्रनी पेठे (म. 10.) जाणवू, अने तेओना लोकपालोने पण धरणेंद्रना लोकपालोनी पेठे जाणवू. तथा उत्तर दिशिना इंद्रोने भूतानेंद्रनी पेठे (सू. 13.) जाणवू. तेओना लोकपालोने पण भूतनेंद्रना लोकपालोनी पेठे जाणवू, परन्तु विशेष एन्ले के सर्व इन्द्रोनी राजधानीओ अने सिंहासनो इंद्रना समान नामे जाणवां. अने तेओनो परिवार तृतीय शतकना प्रथम उद्देशकमां कह्या प्रमाणे समजबो. तथा बधा लोकपापालोनी राजधानीओ अने सिंहासनो पण तेओनां समान नामे जणवां. अने तेओनो परिवार चमरेन्द्रना लोकपालोना परिवारनी पेठे जाणवो. [प्र०] हे भगवन् ! पिशाचना इंद्र अने पिशाचना राजा कालने केटली पट्टराणीओ कही छे ? [उ:] हे आर्य! तेनें चार पट्टराणीओ कही छे. ते आ प्रमाणे-कमला, कमलप्रभा, उत्पला अने सुदर्शना, तेमांनी एक एक देवीने एक एक हजार देवीनो परिवार छ, बाकी पधु चमरना लोकपालोनी पेठे जाणवं, अने परिवार एण तेज प्रमाणे जाणवो. परन्तु विशेष ए के काला नामे राजधानी अने काल नामे सिंहासन जाणवू. तथा बाकी बधु पूर्वे कह्या प्रमाणे जाणवू. ए प्रमाणे महाकालसंबंधे पण जाणवू. 34 For Private and Personal Use Only
SR No.020923
Book TitleVyakhyapragnapti Sutra Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages238
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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