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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie ग्याल्या द्र १०शतके | 19150 4% 1915 // चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए अवसेस जहा चमरस्स लोगपालाणं,एवं सेसाणं तिण्हवि। भूयाणंदस्त णं भंते ! पुच्छा, अजोछ अग्गमहिस्सीओ पन्नत्ताओ, | तंजहा-रूया रूयंसा सुरूया रुयगावती रुयकता रुयप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा धरणस्म, [प्र०] हे भगवन् ! नागकुमारना इन्द्र धरणना लोकपाल कालवाल नामे महाराजाने केटली पट्टराणीओ कही छे ? [उ०] हे आर्य ! चार पट्टराणीओ कही छे; ते आ प्रमाणे-अशोका, विमला, सुप्रभा अने सुदर्शना. तेमां एक एक देवीनो परिवार वगेरे चमरना लोकपालोनी पेठे जाणवू, ए प्रमाणे बाकीना त्रणे लोकपालोसंबन्धे जाणयु. [प्र.] हे भगवन् ! भूतानेन्द्रने केटली पट्टराणीओ कही छे / [उ.] हे आर्य ! छ पट्टराणीओ कही छे, ते आ प्रमाणे-रूपा, रूपांशा, सुरूपा, रूपकाक्ती, रूपकांता अने रूपप्रभा. तेमां | एक एक देवीनो परिवार इत्यादि सर्व धरणेन्द्रनी पेठे जाणवु. भूयाणंदस्स णं भंते ! नागवित्तस्म पुच्छा अजो चत्तारि अगमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेस जहा चमरलोगपालाणं एवं सेसाणं तिण्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिल्लागिंदा तेसिं जहा धरणिंदस्स, लोगपालाणंपि तेसिं जहा धरणस्स लोगपालाण, उत्तरिल्लाणं, इंदाण जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणचि तेसिं जहा भूयाणंदस्स लोगपालाणं, नवरं इंदाणं सब्वेसिं रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिमणामगाणि परियारो जहा तइयसए पढमे उद्देसए,लोगपालाणं सब्वेसिं रायहाणीओ सीहामणाणि य सरिमनामगाणि परियारो जहा चमरस्स लोगपालाणं / कालस्स णं भंते ! पिसायिंदस्स For Private and Personal use only
SR No.020923
Book TitleVyakhyapragnapti Sutra Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages238
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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