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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पहला हिस्सा - - - ने जिसे हिन्द भगवान और मुसलमान खदा कहते हैं उसके बदन पर ऊन या पर नहीं दिया है ॥ ___आदमियों का सुभाव है कि अकेले नहीं रहते बलकि इकट्ठा रहने से बहुत खश रहते हैं। ये इकट्ठा होकर जब थोड़े से घर एक जगह बना लेते हैं। वह गांव कहलाता है । और जब बहुत से घर एक जगह हो जाते हैं वह शहर और नगर कहने में आता है । जिस शहर में बादशाह या बादशाह का काइममुकाम रहता है। वह राजधानी यानी पायतरत्र कह. लाता हे ॥ जेसे इंगलिस्तान का पायतन लंदन और हिन्दुस्तान का कलकत्ता जानो। इसी तरह अफगानिस्तान का काबुल और नेपाल का काठमांडो ॥ आदमियों को इकट्ठा रहने से यह बड़ा फायदा होता है। कि एक दूसरे की मदद करता रहता है । और जो निम देस का होता है उस की जात उसी देस के नाम से पुकारी जाती है जैसे हबश के रहनेवाले हबशी। और बंगाले के रहनेवाले बंगाली ॥ आदमो अक्सर दिन में काम काज करते हैं । रात को थक कर सो रहते हैं। और सोते हुए नोंद में जो कुछ देखते है । उसे सुपना कहते हैं। जिस हाथ से खाते और सलाम करते हैं। उधर के हाथ पेर पसली आंख कान सब अंग दहने और दूसरी तरफ के बाएं कहलाते हैं। जब तक शादी व्याह नहीं होता मर्द क्वारा और औरत क्वारी कहलाती है। व्याह होने पर मर्द खाविंद या शौहर और औरत उम की बहू या बीवी कही जाती है ॥ लड़का लड़की होने पर वही उन के बाप मा कहने में पाते हैं। जिस लड़का For Private and Personal Use Only
SR No.020894
Book TitleVidyankur
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaja Shivprasad
PublisherRaja Shivprasad
Publication Year1886
Total Pages89
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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