SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पहला हिस्सा KArt4 RS . घांधा जीव जन्त ज़मीन पानी और हवा इन तीनों में जान्दार रहा करते हैं। ओर जान्दार की बड़ी किसमें दो कहते हैं । एक तो वह जिनके बदन में हड़ी होती है जेसे आदमी घोड़ा हाथी A सांप चिड़िया। औग्दसरे वह जिनके बदन में हड्डी नहीं होतो जैसे केंचुआ जोंक मक्खी शंख घोंघा ॥ जीव जन्तु यानी इन दोनों किसमों के जानदारों के प्रामाशय * होता है । पर बनस्पति के नहीं होता यही इन दोनों में बहुत बड़ा तफावत हे। शागिर्द-क्या बनस्पति में भी जान होती है। उस्ताद-अगर जान न होती तो बढ़ती क्योकर जान बेशक रहती है। ___ अब सुना हड्डीवाले जान्दार चार किसम के होते हैं। एक वह जो अपनी मा का दूध पीते हैं दूसरे पखेरू तीसरे कोड़े मकोड़े और चौथे मछली दूध पीनेवालों में आदमी और बनमानस को छोड़कर बाकी । सब चौपाये हैं। दूध पीनेवाले अक्सर ज़मीन ही पर रहा करते हैं लेकिन गिलहरी बन्दर वग़: पेड़ों पर भी रहते हैं ॥ इन दध पीनेवाले जानवरों से हम लोगों के बड़े ___ * पेट में एक थैली सी होती है जो कुछ खाया जाता है। उसी में जाकर हज़म होता है । हेल मछली भी अपने बच्चे को दूध पिलाती है। लेकिन यह पैरवा ना में नहीं गिनी जाती है। For Private and Personal Use Only
SR No.020894
Book TitleVidyankur
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaja Shivprasad
PublisherRaja Shivprasad
Publication Year1886
Total Pages89
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy