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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १२६) वसंतराजशाकुने-सप्तमो वर्गः। भक्ष्याभिलाषे निकटार्थसिद्धिर्भक्ष्यग्रहे स्यात्त्वरिता ततोपि॥ भक्ष्योपयोगे. तु फलंति कामा रिरंसया स्यात् प्रिययोपिदाप्तिः ॥ ७२ ॥ स्थाने प्रशस्ते गमनात्प्रशस्तमवाप्यते स्थानमवश्यमेव ॥ स्थानस्थितानां भवति प्रसिद्धिः सुस्थानसंस्थे विहगे नराणाम् ॥ ७३ ॥ शांतप्रदेशाभ्युपसर्पणेन प्र. दक्षिणाभ्यागमनेन तद्वत् ॥ भवेत्प्रवासेऽभिमतार्थसिद्धिः सुखं भवत्खेलनचोष्टितेन ॥ ७॥ ॥ टीका ॥ गोचितभूषणाप्तिः शरीरयोग्याभरणलाभं वदति ॥ ७१ ॥ भक्ष्याभिलाष इति ॥ भक्ष्यस्याभिलाषे स्पृहाकरणे निकटा समीपस्था अर्थसिद्धिः स्यात् भक्ष्यग्रहे ततोऽपि निकटापित्वरिता शीघ्रा अर्थसिद्धिः स्याद्भवेत् भक्ष्योपयोगेच कामा अभिलषितार्थाः फलंति रिरंसया रंतुमिच्छा रिसंसा तया प्रिया इष्टा या योषित्स्त्री तस्याः प्राप्तिः स्थात् ॥ ७२ ॥ स्थान इति ॥ प्रशस्ते स्थाने गमनादवश्यमेव स्थानमवाप्यते सुस्थानसंस्थे विहगे स्थानस्थितानां नराणां प्रसिद्धिर्भवति।। ७३ ।। प्रशांत इति ।। देव्याः प्रशांतदेशाभ्युपसर्पणेन प्रशांतप्रदेशे गमनेन प्रवासे अभिमतार्थसिद्धिभवेत् प्रदक्षिणाभ्यागमनेनापि तद्वत्पूर्वोक्तवज्ज्ञेयं खेलनचेष्टितेन मुखं भवेत् । ॥ भाषा ॥ भक्ष्याभिलाषे इति ॥ जो पोदकी पंखमाऊं, खुजालवेकी अभिलाषा करती होय तो निकटही अर्थसिद्धि जाननी और जो : भक्ष्य पदार्थ ग्रहण करे होय तोभी शीघ्रही कार्यसिद्धि जा. ननी और भक्ष्य पदार्थ वाके समीप होय तो वांछित कार्य फलै और जो रमणकरवेकं इच्छा कररही होय तो वांछित स्त्रीकी प्राप्ति करै ॥ ७२ ॥ स्थान इति ॥ जो पोदकी उत्तम सुंदरस्थानमें गमनकरती होय तो प्राणीकू अवश्य उत्तम स्थान मिले और जो पक्षी उत्तम स्थानमें बैठ्यो होय तो स्थानमें बैठे मनुष्यकू बहुत वृद्धि करै ।। ७३ ॥ प्रशांत इति ॥ दकी शांत देशके सन्मुख जाती होय तो परदेशमें मनुष्यकं वांछित अर्थसिद्धि होय और जेमने भागमें सन्मुख आवती होय तोभी वांछित अर्थसिद्धि होय और गमनकरवेवारेकू खेलनचेष्टाकर For Private And Personal Use Only
SR No.020879
Book TitleVasantraj Shakunam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasantraj Bhatt, Bhanuchandravijay Gani
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1828
Total Pages596
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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