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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org संगीत Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रो. वृषभप्रसाद जैन सम्पूर्ण भारतीय संगीत में नाद को प्राण माना गया है। जैन संगीत - शास्त्रकार भी संगीत के प्राण के रूप में नाद को ही मानते हैं, पर खास बात यह है कि ये इसे आकाश या शब्द का गुण न मानकर पुद्गल का गुण मानते हैं और पुद्गलों को परमाणु-रूप में देखते हैं । जो गुण सहित पूरी तरह गल जाए तथा जो पूरणधर्म से भी युक्त हो, उसे पुद्गल माना गया है। जैन साहित्य में नाद कला का आकार आधे चन्द्रमा के जैसा माना गया है और वह आधा चन्द्रमा सफेद रंग वाला है तथा उस अर्द्धचन्द्र पर लगने वाला बिन्दु नीले रंग का है। नादश्चन्द्रसमाकारो बिन्दुनीलसमप्रभः ॥2 ॥ - ऋषिमंडलस्तोत्र यह नाद किसी और के द्वारा सुशोभित नहीं होता, बल्कि वह स्वयं सुशोभित होता है, इसीलिए यह नाद - स्वर कहलाता है । यह नाद - स्वर ही गाए और सुने जाने वाले पद का आधार है और वह पद अर्थ को सम्प्रेषित करता है। संगीत की सभी विधाओं में भी इस नाद का ही मूल आधार है। इस नाद के (संगीत के) मधुर आस्वादन से परितृप्त होकर देवगण सुखपूर्वक जीवन जीते हैं। यह नाद परमपद देने वाला है और इससे परमदेव जिनेश्वर की आराधना की जाती है। सम्पूर्ण भारतीय परम्परा यह मानती है कि मनुष्य की मनुष्यता व देवों के देवत्व के साथ संगीत भीतर तक जुड़ा है। जैन परम्परा में संगीत का उल्लेख हमें निम्न रूपों में मिलता है 1. संगीत - शास्त्र के मूल ग्रन्थों के रूप में; 2. साहित्य के ग्रन्थों में जिन काव्य-रूपों का प्रयोग हुआ है, सांगीतिक प्रयोग के रूप में उन काव्य-रूपों में राग-रागिनियों के उल्लेख के साथ; 3. मन्दिर और राजमहलों की दीवारों पर अंकित मुद्राओं के रूप में; 4. जैनधर्म से जुड़े हुए सांस्कृतिक उत्सवों में। इन सभी रूपों में जैन संगीत का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि जैन-संगीत शान्त, निर्वेद एवं भक्ति-प्रधान है। भाव यह है कि वहाँ शृंगार भी रूप-दर्शन या प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि वात्सल्य में या भक्ति में रमने के लिए है; ठीक वैसे ही युद्ध युद्ध के लिए संगीत :: 703 For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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