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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir कटक, कुंडलादि चढानेसें जिनमुद्रा बिगडती है, ऐसी आशंकाका उत्तर ५८३ प्रतिमाको अन्य कुच्छ भी वस्तु नही जडनी चाहिये इसका द्रव्य संग्रहकी वृत्तिसें उत्तर चंदनादिका लेपन नही करना इसका उत्तर, भावसंग्रह, त्रैलो क्यसार, राजवार्तिक इत्यादि दिगंबरीय शास्त्रोंसें . जिनप्रतिमाको लिंगका आकार करना चाहिये ऐसे दिगंबरोंके दुराग्रहका उत्तर ..... .... .... .... . स्नान, विलेपन, पुप्प, वास, दीप इत्यादि इक्कीस प्रकारसे भग वानका पूजन, नाटक, करना चाहिये, चंदन विना पूजा नहीं होती इत्यादि, दिगंबरमतके जो शाखों में हैं उनके नामादि वर्णन ५८८ वसुपाल राजाने श्री पार्श्वनाथजीकी प्रतिमाको लेप करवाया इत्यादि आराधनाकथाकोषका पाठ .... .... .... ५८९ प्रतिष्ठापाठ, नंदीश्वरपूना, पूजासार जिनसंहिता, त्रिवर्णाचार, श्रीपाल चरित्र, निर्वाणकांड, परकर्मोपदेशरत्नमाला,आराधनाकथाकोष, जिनयज्ञकल्पप्रतिष्ठाशास्त्र, व्रतकथाकोष, ब्रह्मवि. लास, श्रावकाचार, षड्विधपूजाप्रकरण आदिशास्त्रोका पाठ, जिसमें कपूरसे, केसरसे अष्टद्रव्यसै पूजा,विलेपन, पुष्पकी दृष्टि, स्नान, पुष्पमाला, दीपक आदि करने का अधिकार है....... तेरापंथी दिगंवरीयोंको उत्तर .... .... .... ..... जिनप्रतिमा, जिनभवन बनवानेका फल, पूजाका न्यारा २ फल, षविधपुजाप्रकरणसे गंगाजल, मोती, कल्पवृक्षके पुष्पादिसे पूजा करना लिखा है, अन्यसें नहीं, ऐसी तेरापंथीयोंकी आशंकाका उत्तर मतिष्टादिनको वर्जके और दिनमें पूजा नही करनी चाहिये, ऐसी आशंकाका उत्तर .... .... .... ... ....... सस्वार्थसूत्रावरि में शीतकालादिमें कंबलादि मुनि ग्रहण करे लिखाई अपचनसारवृत्तिमें उपधिके भेदका वर्णन .... .... भावसंग्रहसे उपकरण विचार, मूलाचारमें साधुकी उपधिका मकट कथन, बोधपाहुडकी वृत्तिका पाठ .... .... परमात्मप्रकाशकी टीकामें घासकी चादर आदि उपकरणका वर्णन राजवार्तिकका उपकरण विषयक पाठ .... .... .... केवलीको कबलाहार, चलना, धर्मोपदेश देना इत्यादि दिगंबरीय शाखोंसे सिद्ध किया तिसका वर्णन .... .... .. १११. For Private And Personal
SR No.020811
Book TitleTattva Nirnayprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhvijay
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages863
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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