SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir पाणिनिकी उत्पत्तिका वर्णन ... जैन शब्द 'जि जय ' धातुसे बना है, वो धातु नूतन है, ऐसी आशंकाका उत्तर .... .... जैनमत वेदमतकी बातें लेकर रचा गया है, ऐसी आशंकाका उत्तर, जैनकी प्राचीनताके दूसरे प्रमाण .... ... .... ५३३ ५४१ (३३) त्रयस्त्रिंश स्तंभ--जैनमत बौद्धमतसें भिन्न और प्राचीन सिद्ध । किया है, दिगंबरीमत संबंधी वर्णन .... ५३५-६२३ मो. हरमन जेकोबीकृत आचारंगका अनुवाद (तरजुमा)की प्रस्ता बनामें जैनमत बौद्धमतसें प्राचीन और भिन्न सिद्ध किया है, तिसका वर्णन ... .... .... ... .... ५३५ सूयगडांगका तरजुमा-सेक्रेड बुक ऑफ धी इस्ट भाग ४५ में, बौद्धमतके शास्त्रोंसेंही जनमतकी प्राचीनता सिद्ध की है. .... पाश्चिमात्य विद्वानोंको हितशिक्षा .... दिगंबरीप्रतिहितशिक्षा .... .... दिगंबरीयोंका श्वेतांवर ऊपर आक्षेप.... .... .... पूर्वोक्त आक्षेपका उत्तर.... .... दर्शनसारका कथन मूलसंघकी पट्टावलीसे विरोधि है .... विराध है. .... .... ५४५ दर्शनसारमें काष्ठसंघकी निंदा लिखी है, तिसका वर्णन.... दिगंबर पट्टावलिके लेखोंकी परस्पर विरुद्धता.... प्रश्नचर्चा समाधानका लेख और तिसकी विक्रमप्रबंध और मूल. संघकी पट्टावली से विरुद्धता .... .... .... .... ५५० सर्वार्थसिद्धि नामा तत्त्वार्थसूत्रकी भाषाटीकाका लेख और तिसका उत्तर .... .... .... दिगंबरमतके ज्ञानार्णवसें वस्त्रादि परिग्रह नही, ऐसा सिद्ध किया है ५५५ दिगंबरपत और उनके शास्त्र नवीन है. .... प्रश्नचर्चासमाधानादि ग्रंथानुसार भरतखंडमें सम्यक् दृष्टि जीवकी . संख्या, तिसकी समालोचना .... .... साधुसाध्वीरुप दो संध नहीं होने सें दिगंबरोंका दो संघीये होना ... केवलीको कवलाहार सिद्ध है, अभुक्ति केवलीका खंडन .... .... स्त्रीको मुक्तिसिद्धि भगवानको तिलक करना, विलेपन करना, आभरण पहिरामा, दिगंबरके हरिवंश पुराणके पाठसे सिद्ध किया है १ ५६६ For Private And Personal
SR No.020811
Book TitleTattva Nirnayprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVallabhvijay
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages863
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy