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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 366 स्वतंत्रता संग्राम में जैन अमीर चंद जैन माननीय के एक उत्साही कार्यकर्ता थे। कांग्रेस कार्यों में आप गिरिजाशंकर अग्निहोत्री के पर्ण तत्परता के साथ भाग लेते थे। 1942 के अगस्त निर्देश से पिण्डरई में प्राचार्य आंदोलन में सरकार ने आपको गिरफ्तार कर लिया, के रूप में भेजे गये। ये सभी फलतः जेल में आपने (, महीने की सख्त सजा मेरे यहाँ ही रहते थे, अतः मैं भोगी। भी प्रचार के लिए जाने लगा। आ0-(1) जैन) सा) रा) अ0 (2) आ) दी), पृष्ठ-84 चूंकि मेरी इन गांवों में (3) पं) वंशीधर जी शास्त्री द्वारा प्रेपित परिचय जमींदारी थी अत: सभी मेरी बात ध्यान से सुनते थे। श्री सुन्दरलाल छजलानी हमारे भाषण के मुख्य विषय सूत कातना और जमा महिदपुर, जिला- उज्जैन (म0प्र0) के श्री तकावी नहीं देना आदि थे। सुन्दरलाल छजलानी, पुत्र-श्री लक्ष्मीचंद का जन्म 8 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन का पिण्डरई जनवरी 1927 को हुआ। अल्पवय में ही आप में बड़ा असर हुआ, अनेक क्रान्तिकारी सेनानी जेल 1939 से राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय हो गये थे। गये, जिन आठ कार्यकर्ताओं के नाम वारण्ट जारी हुए 1942 के भारत छोडो आन्दोलन में आप गिरफ्तार उनमें मेरा नाम भी था। जानकारी प्राप्त होते ही मैं हुए व महिदपुर जेल में कारावास की सजा भोगी। भूमिगत हो गया, उस अवस्था में भी रेलवे के तार आ)-(1) म0 प्र0 स्व0 ). भाग-1, पृष्ठ-170 काटना, फिश प्लेट हटाना, ग्राम पंचायत भवन के रिकार्ड श्री सुन्दरलाल जैन जलाना आदि गतिविधियों में संलग्न रहा। मेरे भूमिगत जिनके विषय में कहा जा सकता है कि 'जन्म रहने के कारण, इलाज की समुचित व्यवस्था न होने से मेरी पत्नी ने प्रसव के चार घण्टे बाद ही दम तोड़ के समय उनके मुँह में सोने की चम्मच थी।' ऐसे श्री सुन्दरलाल जैन, पुत्र-श्री दिया। मेरा एक मात्र भतीजा भी इस अवधि में स्वर्ग सिधार गया।' आपके परिवार के अनेक लोग जेलयात्री लाला सरूपचंद जैन का जन्म रहे हैं जिनमें अग्रज सिंघई नेमीचंद का नाम प्रमुख है। 26 जुलाई 1914 को मेरठ (उ0प्र0) में हुआ। आ0-(1) जै) मा) रा) अ) (2) स्व0 पा) किशोरावस्था में ही आपने श्री सुजानमल जैन नमक कानून तोड़ कर रतलाम (म0प्र0) के श्री सुजानमल जैन, पुत्र-श्री गांधी जी के सिपाही के रूप केशरीमल जैन ने स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय में आजादी का बिगुल बजाया था! भागीदारी निभायी, फलत: 1941 एवं 42 में । वर्ष 4माह आपको इन्दौर जेल में कारावास की सजा भुगतनी सुन्दरलाल जी मात्र 15 वर्ष के थे तब अपने समवयस्क 1। किशोरों का जत्था लेकर गाजियाबाद पड़ी। में हिण्डन नदी के तट पर नमक बनाने गए थे। जत्थे आ)-(1) म0 प्र0 स्व० सं०, भाग-4, पृष्ठ-196 में शामिल सबसे अधिक आयु का किशोर 18 वर्ष ___ श्री सुन्दरलाल चौधरी का था। सभी किशोर मेरठ के प्रतिष्ठित परिवारों में श्री सुन्दरलाल चौधरी, पुत्र-श्री सवईलाल से थे। मेरठ सदर में जत्थे को अभूतपूर्व विदाई दी का जन्म 1920 में हुआ। चौधरी जी बीना (म0प्र0) गई। मेरठ से पदयात्रा करते हुए और मार्ग में पड़ने For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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