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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 299 प्रथम खण्ड सेठी के स्वतंत्रता संग्राम में गिरफ्तार हो जाने के बाद में 1902 ( या 1894) ई0 में हुआ। आपके पिता आप त्रिलोक चन्द जैन हाई स्कूल इन्दौर के हैड मास्टर श्री गोरे लाल गल्ले के व्यापारी थे तथा माता सुखरानी हो गये। आपने लाहौर में रेलवे में नौकरी की, जहाँ धर्म परायण महिला थीं। मोदी जी अपने माँ बाप के एक अंग्रेज ऑफीसर के किसी भारतीय से यह कह इकलौते बेटे थे। देने पर कि 'Your India Blady' उसको पीट दिया। 1918 में आपने मैट्रिक पास किया ही था कि फलतः आप 1930 में Personal Officer के पद से देश में रौलेट एक्ट की गूंज थी, उसी समय जलियांवाला सेवामुक्त कर दिये गये। आप महात्मा गांधी के बाग की भयानक मर्मस्पर्शी घटना हुई थी। अंग्रेजों साथ प्रसिद्ध दांडी मार्च में भी गये थे और जेल यात्रा की पाशविक दमन नीति से देश की जनता का खून की थी। खौल उठा था, परिणामस्वरूप बच्चा-बच्चा कुर्बान बचपन में ही आपने चमड़े का प्रयोग जीवन होने को उमड़ पड़ा था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से भर के लिए त्याग दिया था। आप अखिल भारतीय प्रभावित होकर मोदी जी भी आजादी की लड़ाई में दिगम्बर जैन परिषद् के महामंत्री भी रहे। आपने स्कूल छोड़कर कूद पड़े। आपके साथी प्रेमशंकर करीब एक लाख रुपये से 'रघुवर दयाल रामदयाल धगट, सिंघई गोकलचन्द वकील, दामोदर राव श्रीखण्डे, जैन चेरिटेबिल टस्ट' की स्थापना की. जिसके द्वारा देवकी नन्दन श्रीवास्तव. लक्ष्मीशंकर धगट आदि बहुत से जैन धर्मावलम्बियों को शिक्षा एवं अन्य नौकरी व स्कूल छोड़कर आजादी के दीवाने बन गये धार्मिक कार्यों में सहयोग दिया जाता है। और दमोह जिले में स्वतंत्रता आन्दोलन ने विराट श्री जैन महात्मा गांधी के काफी सम्पर्क में रहे रूप ले लिया। और 1948 में गांधी जी की भस्मी को लेकर 1930 में आपने खादी का कार्य प्रारम्भ किया। कैलाश पर्वत व मानसरोवर झील गये थे। आप उस समय महात्मा गांधी के सत्याग्रह आन्दोलन ने अपने अन्तिम समय तक विनोबाजी के व्यक्तिगत जोर पकड़ा था, अंग्रेजों के अत्याचार पराकाष्ठा पर सचिव रहे। आपका निधन 9 जून 1969 को देहली थे। उनके अत्याचारों का दमन करने के लिए मोदी में हुआ। जी के नेतृत्व में ग्राम रोड़ में कॉन्फ्रेंस हुई, जिसकी आ)-(1) प) इ०, पृष्ठ-135 अध्यक्षता पं० सुन्दरलाल तपस्वी, जिन्होंने 'भारत में अंग्रेजी राज' नामक ग्रंथ लिखा था, और जिसे बाद श्री रघुवर प्रसाद मोदी में अंग्रेजों ने जब्त कर लिया था, ने की थी। प) रविशंकर शुक्ल ने एक बार कहा था 1930 में ही आपने स्थानीय गांधी चौक में कि-'मैं दमोह को श्री रघुवर स्वदेशी काड़ों की दुकान खोली, जिसे शासन ने प्रसाद मोदी के नाम से जानता जला दिया और आपको गिरफ्तार कर लिया। इसी हूँ।' ऐसे व्यक्तित्व, अनेक समय आपके नेतृत्व में दमोह से नमक सत्याग्रह शैक्षणिक, सामाजिक एवं पास । प्रारम्भ हुआ, शासन द्वारा भारी जुल्म ढाये गये। बाद सांस्कृतिक संस्थाओ क में आपने बनवारी लाल श्रीवास्तव, सुन्दरलाल स्वर्णकार संस्थापक, निर्भीक जन नेता आदि अनेक साथियों सहित जंगल सत्याग्रह प्रारम्भ श्री रघुवर प्रसाद मोदी का किया। आपने जंगल कानून तोड़ने की योजना बनायी, जन्म दमोह (म0प्र0) के निकटवर्ती ग्राम खोजाखेड़ी जो मडियादों के जंगल काटने की थी। दमोह के एक For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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