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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 289 किया। महिदपुर में 1934 में होने वाले प्रजामण्डल श्री मुलायमचंद जैन के अधिवेशन में इन्हें क्षेत्र का विशेष प्रतिनिधि बनाकर श्री मुलायमचंद जैन, निवासी ग्राम-कान्हीवाड़ा, भेजा गया। गरोठ से और भी लोग इनके साथ वहाँ जिला-सिवनी (म0प्र0) ने 1930 में जंगल सत्याग्रह गये। श्री सर्वटे सा), श्री गंगवाल जी, श्री तोतला जी में भाग लिया। फलत: सिवनी व छिंदवाड़ा में 6 माह व श्री खादीवाला से इनका निकट सम्पर्क रहा। का कारावास भोगा।। 1942 के आंदोलन में शामिल होने के लिए आ)-(1) म0 प्र0 स्व0 सैo, भाग-1, पृष्ठ 241 आपने गांव-गांव जाकर लोगों को तैयार किया। पुलिस श्री मलामचंद जैन (या मलायमचंद जैन) की हिरासत में आप अनेक बार रहे। हर्टन के विरुद्ध पिण्डरई, जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री उनक सामने हा हटन मुदाबाद', 'पुलिस क अत्याचार मुलायमचंद जैन, पुत्र-श्री जसकरणलाल जैन ने 1942 बन्द हों' आदि नारे लगाने पर आपको खूब पीटा गया के आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। पहले आप व बन्द कर दिया गया। बाद में छोड़ दिया गया। भूमिगत रहे किन्तु 3-2-1943 को गिरफ्तार कर लिए 1943-44 में आप राज्य लेजिसलेटिव कौंसिल गये। आपको श्री के0सी0 श्रीवास्तव दण्डाधिकारी प्रथम के सदस्य रहे। 1944 में रामपुरा के प्रजामण्डल श्रेणी, मण्डला द्वारा तीन माह के सश्रम कारावास तथा अधिवेशन में आप कोषाध्यक्ष बनाये गये थे। 500/- जुर्माना की सजा दी गई थी। जुर्माना न देने आ)-(1) स्व0 स0 म0, पृष्ठ-69-70 पर तीन माह की सजा और भुगतनी पड़ी। पहले आप मण्डला जेल में रहे फिर 21-4-43 को जबलपुर श्री मुन्नालाल जैन सेन्ट्रल जेल भेज दिये गये। देश प्रेम के कारण सागर (म0प्र0) के श्री मुन्नालाल जैन, पुत्र-श्री आपने किसी तरह की पेन्शन आदि को स्वीकार नहीं फदाली लाल ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन किया था। में 4 माह का कारावास भोगा यतः आपने सागर के आ0-(1) अनेक प्रमाण पत्र पुलिस कप्तान के सिर पर डंडे से प्रहार किया था। आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-2, पृष्ठ-54 (2) श्री मुलायमचंद जैन आ0 दी0, पृष्ठ-71 जबलपुर नगर निगम के महापौर और महाकौशल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं म0प्र) लघु उद्योग संगठन श्री मुन्नालाल जैन के अध्यक्ष रहे श्री मुलायमचंद जैन का जन्म 19 छिन्दबाड़ा (म0प्र0) के श्री मुन्नालाल जैन, जनवरी 1920 को जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। आपके पुत्र-श्री बाबूलाल (या कालूराम जैन) को भारत छोड़ो पिता का नाम श्री दालचंद जैन था। मुलायम चंद जी आन्दोलन में भाग लेने के कारण 12-11-42 स की शिक्षा जबलपर नागपुर और बनारस में हुई। 1942 11-8-1943 तक का कारावास देकर जबलपुर जेल में आप बनारस में इंजीनियरिंग के विद्यार्थी थे, वहाँ में रखा गया था। आपका कार्य क्षेत्र जबलपुर कान्तिकारियों से आपका सम्पर्क हुआ। आप बम ही था। स्वतंत्रता के पश्चात् आप छिन्दबाड़ा जिले में काण्ड में गिरफ्तार हुए तथा जबलपुर और बनारस की बस गये। जेलों में रखे गये। आ0- (1) म0 प्र0 स्व० सै0, भाग-1, आपने अपने साथियों के साथ डायनामाइट पृष्ठ 12 (2) स्वा) आ) में छिन्दबाड़ा जिले का योगदान, (टंकित शोध-प्रबन्ध)पृष्ठ-314 लगाकर हवाई जहाज को उड़ा दिया था। इस सन्दर्भ For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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