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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 282 www.kobatirth.org श्री मानमल मार्तण्ड मदनगंज (राजस्थान) के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यकर्ता और 'ओसवाल' पत्र के भूतपूर्व सम्पादक श्री मानमल मार्तण्ड 1942 के आन्दोलन में जेल गये। जेल जाने से पहले आपने गुप्त रूप से काफी कार्य किया था। आ) (1) जै० स० रा० अ०, पृष्ठ-69 हकीम मानिकचंद जैन फिरोजाबाद (उ0प्र0) के हकीम मानिकचंद जैन को आयुर्वेदिक चिकित्सा का व्यवसाय अपने पिता से मिला। 1942 के आंदोलन में राष्ट्रीयता की लहर दौड़ रही थी और फिरोजाबाद नगर में सैकड़ों व्यक्ति आन्दोलन में भाग ले रहे थे। महेन्द्र जी, आगरा (जिनका परिचय इसी ग्रन्थ में है) के संरक्षण में एक बुलेटिन गुप्त रूप से प्रकाशित होकर जगह-जगह भेजा जाता था। हकीम जी के औषध लय से उसका गुप्त वितरण होता था। आखिर गुप्तचर विभाग ने पता लगाकर हकीम जी को गिरफ्तार कर लिया। आप चार माह कारावास में रहे। आप पी0डी0 जैन इण्टर कॉलेज, फिरोजाबाद के वर्षों तक अध्यक्ष रहे हैं। आ()- (1) जै० स० रा० अ० (2) उ0 प्र0 जै० ध०, पृष्ठ-01 (3) जै० से० ना० अ० (4) अमृत, पृष्ठ-25 बाबू मानिकचंद जैन आगरा ( उ ) प्र0 ) के बा) मानिकचंद जैन को 1930 के आन्दोलन में छः माह की सजा हुई थी। 1942 के आंदोलन में आपको सरकार ने इस जुर्म में नजरबंद किया था कि आप 'आजाद हिन्दुस्तान' के काम में सहयोग देते हैं। आपको 11 माह तक नजरबंद रखा गया था। आप वार्ड कांग्रेस कमेटी के Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वतंत्रता संग्राम में जैन सहायक मंत्री भी रहे थे। 80 वर्ष की उम्र में आपका निधन हो गया । आ0 (1) जै० स० रा० अ० (2) उ0 प्र0 जै० ध०, पृष्ठ-90 (3) श्री महावीर प्रसाद द्वारा प्रेषित परिचय (4) गो0 340 70, 70-225 श्री मामचंद जैन श्री मामचंद जैन का जन्म देवबन्द, जिला-सहारनपुर (उ0प्र0) में श्री मित्रसेन जैन के यहाँ हुआ। 1930 में आप गम्भीर ऐलान के साथ राजनीति में आये। श्री कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर ने लिखा है ' बड़ों के प्रति नम्रता और वाणी की स्पष्टता उनकी अपनी चीज है। शीघ्र ही उन्हें जिले के नेताओं का स्नेह मिल गया और सरकार का प्यार भी। ' 1930 में नमक आन्दोलन के समय 2 से 4 सित0 1930 को देवबन्द में एक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आचार्य जुगलकिशोर जी की धर्मपत्नी शान्ति देवी ने की थी। इस कांफ्रेंस की समाप्ति के बाद पहले श्री कन्हैयालाल मिश्र, बाबू आनन्द प्रकाश बी०ए० तथा बाद में आपको व हरद्वारी लाल को गिरफ्तार किया गया। श्री हुलाशराय जैन भी इसी समय गिरफ्तार हुए थे। 5-3-1931 को देवबन्द के अन्य राजनैतिक बन्दियों के साथ आप रिहा कर दिये गये। आ०- (1) स० स०, भाग-1, पृ0-179 (2) जै० स० रा० अ) (3) जैन प्रदीप, जून 1994 (4) उ0 प्र0 जै० भ०, पृ0-86 श्री मिट्ठूलाल जैन सैंधवा, जिला - खरगौन (म0प्र0) के श्री मिठ्ठू लाल जैन, पुत्र- श्री नेनसी भाई का जन्म 10 फरवरी 1922 को हुआ, आपने मैट्रिक तक शिक्षा पाई और युवावस्था में ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गये । 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लेने के कारण 7 माह 27 दिन का कारावास आपने भोगा । आ) - ( 1 ) म0प्र0 स्व0 सै0, भाग 2, पृष्ठ-91 For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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