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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 265 स्टेट के होम मिनिस्टर हर्डन के समक्ष प्रदर्शन किया युवावस्था में आपने अपने ग्राम में विभिन्न व नारे लगाये -'हर्टनशाही नहीं चलेगी', 'जालिम साथियों सहित नागपुर के कांग्रेस सेवादल का प्रशिक्षण हर्टन वापिस जाओ।' आदि। प्राप्त किया। भारत छोड़ो आन्दोलन के अवसर पर श्री वेदमुथा एक माह तराना में, एक वर्ष दो गाँव की सरकारी सम्पत्ति नष्ट करने की क्रांतिकारी माह संण्टल जेल इन्दौर में, एक माह महिदपुर में योजना में आप सम्मिलित थे। परन्तु आप पुलिस की तथा एक वर्ष एक माह गरोठ की जेल में रहे। इनका दृष्टि से बचकर निकल गये। अंतत: गिरफ्तार किये सम्पर्क जेलवास में अनेक वरिष्ठ नेताओं व गये और आपको 15 दिनों का कारावास दिया गया। कार्यकर्ताओं से हुआ। फलस्वरूप आपका कार्यक्षेत्र इस दौरान आप छिन्दवाड़ा के बन्दीगृह में रखे गए। व कार्यशैली विकसित होती गई। आजादी के बाद स्वतंत्रता के पश्चात् सरदार बल्लभभाई पटेल ने आप महिदपुर में व्यवसाय करने लगे। आप राष्ट्र देशी रियासतों के विलीनीकरण के विराट कार्य का चंतना के कार्यों में संलग्न रहे हैं। सूत्रपात किया। उनके आदेशानुसार आप हैदराबाद आ() (1) स्व। स) म), पृष्ठ-82-83 (2) म प्र) रियासत के भारत में विलीनीकरण के समय सेवादल स्व) 3. भाग-4. पृष्ठ-217 में एक स्वयंसेवक के रूप में सम्मिलित हुए। श्री भैयालाल गणपति देशकर । राजनैतिक, सामाजिक कार्यों के साथ आप कुश्ती प्रेमी भी रहे। अनेक प्रसिद्ध पहलवान आपके शिष्य कुश्ती के शौक ने जिन्हें अंग्रेजों से भी दो-दो । हैं। स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ पर मध्यप्रदेश शासन हाथ करने के लिए विवश कर दिया, ऐसे श्री. भैयालाल गणपति देशकर | ने आपको एक प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया था। (जैन) का जन्म लोधीखेड़ा, आ)-(1) म) प्र) स्व० सै), भाग-1, पृष्ठ-।। जिला- छिन्दबाड़ा (म0प्र0) (2) स्वा0 आ0 में छिन्दवाडा जिले का योगदान, (कित शोध में 1924 में हुआ। परिवार प्रबन्ध), पृष्ठ-308,309 (3) अनेक सम्मान/प्रमाण पत्र (4) पुत्र की दयनीय आर्थिक दशा संजय द्वारा प्रेपित जानकारी। होने पर भी अत्याचारी श्री भैयालाल जैन अंग्रेजी शासन की गुलामी मध्य प्रदेश विधानसभा में बण्डा, जिला-सागर की जंजीरे तोड़ने के लिए आप स्वाधीनता संग्राम में (म0प्र0) से विधायक रहे श्री भैयालाल जैन पत्र-श्री कूद पड़। बाल्यकाल से ही आपके ग्राम में राष्ट्रीय कन्हैयालाल का जन्म 1909 में हुआ। आप 1031-32 माहौल छाया हुआ था, परिणामस्वरूप 13 वर्ष की में जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। राज्य कांग्रेस अल्पाय में ही आप राष्ट्रीय गतिविधियों में सक्रिय हो कमेटी में अनेक बार सागर का प्रतिनिधित्व आपने गए। आप अपने बाल साथियों सहित ग्राम के अन्य किया। आप जिला कांग्रेस कमेटी के 1941 से 47 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों हेतु सभायें आयोजित कराने तक कोषाध्यक्ष भी रहे। 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में वांछित सहयोग प्रदान करते थे। झण्डे लेकर में आपने भाग लिया था। सागर से दिल्ली सत्याग्रह में दोड़ना तथा घंटियाँ बजाना आपके नित्य-प्रति के जाने वाले सत्याग्रहियों की व्यवस्था का भार आपने कार्य थे। गाँव के कर्मठ स्वातंत्र्य प्रेमी श्री छोटेलाल ही बडी कशलता से सम्हाला था। 1942 के आन्दोलन छवरे आपकी प्रेरणा के प्रमुख स्तंभ थे। में आप पहले भूमिगत होकर कार्य करते रहे फिर 23 For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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