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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 192 स्वतंत्रता संग्राम में जैन लाल का जन्म 5 जनवरी 1906 को बरगी ग्राम में में विदिशा के नवयुवकों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग हुआ। 1930 के जंगल सत्याग्रह में 1 माह की सजा लेने के लिए प्रेरित किया, फलत: 19 सितम्बर 1942 एवं 20 रु0 का अर्थदण्ड आपको भोगना पड़ा। को गिरफ्तार किये गये और लगभग 9 माह का आ0-(1) म0 प्र) स्व) 30. भाग-1, पृष्ठ-208 कारावास आपने भोगा। श्री धन्नालाल जैन आ0-(1) म) प्र) स्व) सै), भाग-5, पृष्ठ-96 इटारसी, जिला-होशंगाबाद (म0प्र0) के श्री श्री धन्नालाल शाह भन्नालाल जैन, पुत्र-- श्री मन्नूलाल जैन का जन्म इन्दौर (म0प्र0) के श्री धन्नालाल शाह 1923 में हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में का राष्ट्रीय आन्दोलन में अवतरण अखबार नवीसी से आपने ( माह का कठोर कारावास भोगा। हुआ। आपने अनेक हिन्दी पत्रों के सम्पादकीय आ) (1) भ) प्रा) स्वा) सै), भाग-5, पृष्ठ-330 विभाग में तथा अनेक दैनिक अंग्रेजी पत्रों के संवाददाता श्री धन्नालाल जैन के रूप में कार्य किया। त्रिपुरी कांग्रेस के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सैनिक संघ की गतिविधियों में आपने श्री घनश्याम सिंह गुप्त, स्पीकर, मध्यप्रान्तीय निरन्तर रुचि रखने वाले तथा 'मोतीवाले' उपनाम से धारासभा और सेठ गोविन्द दास, एम0एल0ए0 विख्यात जबलपुर (म0प्र0) के श्री धन्नालाल जैन, के प्राइवेट सेक्रेट्री का भी कार्य किया था। 1942 पुत्र श्री गुलाब चंद मोतीवाले का जन्म 1915 में क आन्दोलन में राष्ट्रीय प्रवृत्तियों के कारण आप हुआ। 1930 के सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेने के गिरफ्तार कर लिये गये और खंडवा तथा नागपुर कारण तिलक भूमि तलैया पर आपको गिरफ्तार कर जेलों में रहे। लिया गया और छ: माह की जेल तथा 50 रुपया आ)-(1) जै) स) रा() अ), पृष्ठ-63 अर्थ दण्ड को सजा दी गई। राष्ट्रीय गतिविधियों के श्री धन्यकुमार जैन कारण 1932 में गन केरिज फैक्ट्री की नौकरी से भी इस सदी के जैन दर्शन और न्याय के विख्यात आपको निष्कासित होना पड़ा। 1939 के त्रिपुरी विद्वान् स्व0 डॉ0 महेन्द्र कुमार जैन न्यायाचार्य के कांगय अधिवेशन में सूचना एवं प्रकाशन के कार्यों गे आप सम्बद्ध रहे। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन । अनुज श्री धन्यकुमार जैन, पुत्र श्री जवाहर लाल जैन का में पुन: गिरफ्तार कर लिए गये तथा । वर्ष 3 माह जन्म 15 जुलाई 1924 को तक नजरबंद रखे गये। राष्ट्रीय कार्यक्रमों में आप खुरई, जिला-सागर (म0प्र0) संदव सक्रिय रहे। में हुआ। 8-9 वर्ष की आ) - 1 |) म0 प्र) स्व) मै0, भाग-1, पृष्ठ-62 अवस्था में ही आप सविनय 12) स्वा) सा) जा), पृष्ठ 125 अवज्ञा आंदोलन में जंगल श्री धन्नालाल जैन गोडने वाले सत्याग्रहियों के साथ मीलों 'महात्मा विदिशा (म0प्रा)) के श्री धन्नालाल जैन, पुत्र-श्री गांधी की जय' बोलते जाते थे। कक्षा 8 पास करने रूपचन्द का जन्म 1922 में हुआ। माध्यमिक तक के बाद आप वाराणसी के प्रसिद्ध स्याद्वाद महाविद्यालय शिक्षा प्राप्त श्री जैन ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में संस्कृत पढ़ने के लिये बड़े भाई डॉ.) महेन्द्र कुमार For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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