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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 184 स्वतंत्रता संग्राम में जैन इस अवसर पर भी आपने जेल यात्रा के अनेक संस्मरण श्री दालचंद जैन या डालचंद जैन सुनाये। गोटेगांव, जिला-नरसिंहपुर (म0 प्र0) के श्री सम्प्रति आप रतलाम में अपने भरे-पूरे परिवार दालचंद जैन, पुत्र-श्री पुनउलाल का जन्म 1907 में के साथ रहकर जैनग्रंथों के अध्ययन में लगे हुए हैं। हुआ। 1931 से ही आप रा0 आO में सक्रिय हो गये आO-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग 4, पृष्ठ 193 (2)नई थे। गोटेगांव में स्वतंत्रता का दुनिया, इन्दौर 11-8-1997 (3) स्व0 प0 शंखनाद आपने फूंका था। श्री दलीपचंद जैन 1939-40 के व्यक्तिगत आन्दोलन में आप तीन बार होशंगावाद (म0 प्र0) के श्री दलीपचंद जेल गये थे। गोटेगांव से झाँसी जैन, पुत्र-श्री परसराम जैन का जन्म 1901 में हुआ। तक पैदल यात्रा आपने की। 1932 में विदेशी वस्त्रों की पिकेटिंग करते हुए आप तीसरे सत्याग्रह के समय गिरफ्तार कर लिये गये और 4 माह के कारावास आपके भाइयों ने आपको रोका, न रुकने पर मार-पिटाई की सजा आपको दी गई। 1943 में अल्प आयु में की, फिर भी आप विचलित नहीं हुए और सत्याग्रह ही आपका देहावसान हो गया। आपके पुत्र विजय किया। त्रिपुरी कांग्रेस में आपने स्वयंसेवक बनकर कुमार जैन भी जेलयात्री रहे हैं। सहयोग दिया। 1942 में आप जबलपुर जेल में आ0-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-5, पृ0-349 रहे। गोटेगांव की जनता राष्ट्र के प्रति आपकी लगन (2) स्व0 स0 हो0, पृ0-118 देखकर आपको 'महात्मा' कहने लगी थी। . श्री दालचंद जैन आजादी के बाद आप कृषि कार्य करते रहे। डिण्डोरी, जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री जैन मंदिर रम्मेलाल सदानन्द में आपने एक मूर्ति व दालचंद जैन, पुत्र-श्री पन्नालाल का जन्म 1911 में एक वेदी बनवाई थी तथा स्कूल को 25000/हआ। आप घर के रईस होने के साथ ही दिल के रुपये का दान दिया था। आपने पेन्शन आदि कोई भी रईस थे। जै0 स0 रा0 अ0 के अनसार सन 17 सहायता शासन से नहीं ली। 7 फरवरी 1992 को से पहले आप कई बार जेल यात्रा कर चुके थे। आपने अपना निधन हो गया। आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-14? स्थानीय खादी केन्द्र खोल रखा था। 42 में आपको (2) जै0 स) रा0 अ0 (3) भतीजे श्री सुगन चंद जैन द्वारा प्रेषित छ: माह की कैद एवं 200/- रुपये जुर्माना की सजा जानकारी हुई थी। जुर्माना वापसी की घोषणा सुनकर आपने वे श्री दालचंद जैन रुपये खद्दर भण्डार में देना घोषित किया था। आप श्री दालचंद जैन, पुत्र-श्री भुलई लाल का दिनाङ्क 21 अगस्त 1942 से 20 फरवरी 1943 तक जन्म 1917 में जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। 1942 जेल में रहे। आजादी के बाद आपने ग्रामोत्थान का के आन्दोलन में आप जबलपुर शस्त्र फैक्टरी में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। आप न्याय, जनपद एवं ग्राम राष्ट्रीय कार्य करते हये गिरफ्तार किये गये तथा । पञ्चायत के अध्यक्ष तथा सरपंच आदि पदों पर रहे। वर्ष मास नजरबन्दी में रहे। __आ0- (1) म) प्र0 स्व0 सै०, भाग-1, पृष्ठ-208 आ0- (1) म0 प्र0 स्व० सै0, भाग-1, पृष्ठ-59 (2) जै0 स0 रा0 अ0 (2) स्व0 स) ज), पृष्ठ-116 For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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