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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org प्रथम खण्ड के गिरफ्तार होने पर कटनी शहर में नौ दिन की गजब की हड़ताल हुई थी । ' 1945 में आप पाटन आ गये और तहसील कांग्रेस के अध्यक्ष हुये। आपकी मृत्यु 51 वर्ष की आयु में एक आकस्मिक रोग से दि0 29 फरवरी 1948 को हो गयी। आ)- (1) म) प्र) स्व० सै0, भाग-1, पृष्ठ 116, (2) स्वा() स प), पृ0-115, (3) जै० स० रा० अ० । बाबू किशनलाल जैन प्रसिद्ध जैन क्रान्तिकारी श्री बाबू किशनलाल जैन, पुत्र- श्री रघुनाथ, हार्डी बम काण्ड अभियुक्त रहे हैं। जिला-आगरा (उ0 प्र0) निवासी श्री जैन 1930 के आन्दोलन में जेल गये। 1940 के आन्दोलन में नजरबंद रहे। 1942 के आन्दोलन में आपने 2 वर्ष की जेल काटी। आपका नाम क्रान्तिकारियों की सूची में था, अतः 1942 के आन्दोलन में 9 अगस्त से पहले ही आपको गिरफ्तार कर लिया गया था। 1943 में क्रान्तिकारी होने के कारण फतेहगढ़ जेल भेजा गया था। (आ) - (1) प० इ), पृष्ठ 141, (2) गो० अ० ग्र0, पृष्ठ 219-220, (3) जै० स० रा० अ), (4) उ0 प्र0 जै) ध), पृष्ठ 90 (5) श्री महावीर प्रसाद जैन, अलवर द्वारा प्रेषित परिचय। श्री किशनलाल शाह 1952 से 62 तक कांग्रेस और 1967 से 72 तक स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर राजस्थान विधान सभा के सदस्य तथा नागौर जिला कांग्रेस कमेटी के वर्षों तक अध्यक्ष/मंत्री रहे ग्राम-नावाँ ( कुचामन रोड़), जिला - नागौर (राजस्थान) के श्री किशनलाल शाह ने कानपुर में अपने विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लिया था और सजायें भोगी थीं। एल0 एल0 बी) करने के बाद आप मारवाड़ लोकपरिषद् के सक्रिय सदस्य हो गये और बाद में महामंत्री भी रहे। सामन्त शाही एवं जागीरदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए आपने किसान आन्दोलनों का संगठन किया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 129 और जिले में जागीरदारों का मुकाबला किया। 14 मार्च 1947 को डाबड़ा हत्याकाण्ड में सामन्ती तत्त्वों द्वारा आप बुरी तरह घायल कर दिये गये । विधि की विडम्बना देखिये कि शासन ने आपको ही अभियुक्त बनाकर, खून और कत्ल के अभियोग में गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया था। आ) (1) रा) स्व() से०, पृ0 712 सिंघई कुन्जीलाल जैन शाहगढ़, जिला - सागर (म0प्र0) के श्री सिंघई कुन्जी लाल जैन 1918 से कांग्रेस के कार्यों में सदैव भाग लेते रहे और पांच साल तक कांग्रेस कमेटी के सभापति रहे । आप 1930 में एक साल के लिये जेल यात्री रहे व 1932 में भी जेल गये, जिसमें छह मास का कारावास व 200 रुपये जुर्माना हुआ था। आ)- (1) जै) स० रा० अ०, पृष्ठ 53 श्री कुन्दनलाल जैन दमोह (म0प्र0) के श्री कुन्दनलाल जैन, पुत्रश्री सिंघई छोटेलाल 1930 से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गये थे। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने जबलपुर में भाग लिया, परिणामत: जबलपुर जिले से निष्कासित किये गये। आपने 1 वर्ष 7 माह का कारावास भोगा। 65 वर्ष की आयु में आपका स्वर्गवास हो गया। आ)- (1) म0 प्र0 स्व0 सै) भाग-2, पृष्ठ-80 For Private And Personal Use Only श्री कुन्दनलाल जैन नायक देवरी, जिला - सागर (म0प्र0)) निवासी श्री कुन्दन लाल जैन, पुत्र - श्री मिट्ठूलाल जैन का जन्म 1914 में हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने 13 माह का कारावास सागर जेल में भोगा । आप सच्चे गांधीवादी और खद्दरधारी थे, विनोबाजी के भूदान आंदोलन में आपने 2 एकड़ जमीन दान में दी
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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