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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम खण्ड 117 की। अंगेजों ने स्थिति से निपटने के लिए इटारसी और श्री कज्जूलाल पोरवाल जैन पचमढ़ी से सेना भेजी तथा इन्हें गिरफ्तार किया गया। नाथद्वारा (उदयपुर) राजस्थान के श्री कज्जू 16 महीने श्री जैन को नजरबंद रखा गया, पहले लाल पोरवाल जैन, पत्र श्री-हीरालाल ने 1942 के होशगांबाद तथा बाद में अकोला जेल ले जाया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और उदयपुर श्री रामकृष्ण बजाज, कमलनयन बजाज, बसंतदादा जेल में 6 माह की सजा काटी। नाईक, नरेन्द्र तिड़के और ठाकुर निरंजन सिंह से इनका आ()-(1) रा0 स्व0 से0, पृ0-495 जेल में संपर्क हुआ। श्री एन० कुमार रामकृष्ण बजाज के संपर्क में आने के बाद महात्मा गांधी के भी संपर्क श्री कन्छेदीलाल डेरिया में आए। अकोला जेल से बांस की सीढ़ी बनाकर जेल बाबई, जिला-होशंगाबाद (म0 प्र0) के श्री कूदकर भागे तथा नेहरू जी को नागपुर जाकर संदेश कन्छेदीलाल डेरिया, पुत्र-श्री मन्नूलाल डेरिया का दिया किंतु नागपुर में फिर गिरफ्तार कर लिये गये। जन्म वि0 सं0 1952 (सन् 1895) में हुआ। 1930 गांधीजी से श्री जैन इतने ज्यादा प्रभावित हए से आप कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता बन गये। कि बाबई स्थित शनीचरे मोहल्ले की अंग्रेजी कपडे 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में आप की पूरी दुकान को आग लगा दी। फिर जीवन पर्यन्त होशंगाबाद जेल में 15 दिन नजरबंद रहे। 1942 के ये खादी ही पहनते रहे। श्री जैन 1935 से ही कांग्रेस आन्दोलन में भी आपने जेल यात्रा की थी। 17 वर्ष में आ गये थे। गरीब साथियों की समय-समय पर मदद की उम्र से ही आन्दोलन में सक्रिय रहे डेरियाजी करना इनका मुख्य उद्देश्य था। बाबई में 1953 में एक का निधन कार्तिक शुक्ल 3 वि0 सं0 2036 (सन् ससज्जित अस्पताल बनाकर उन्होंने सरकार को दान 1979) में हो गया। आपके पत्र व भाई भी जेलयात्री किया जो आज भी चल रहा है। श्री जैन में स्वतंत्रता रहे हैं। की भावना कट-कट कर भरी थी। उन्होंने जीवन पर्यन्त आ) (1) म0 प्र0 स्व0 सै), भाग-5, पृ0 326, (2) केन्द्र एवं राज्य सरकार की श्रद्धा निधि या अन्य कोई स्व) स) हो), पृ} 115 सुविधा प्राप्त नहीं की। 15 अगस्त 72 को दिल्ली सिंघई श्री कन्छेदीलाल जैन में श्रीमती इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम्रपत्र भेंट दिया था। सिंघई कन्छेदीलाल जैन, पुत्र-श्री गल्लीलाल जैन 26 जनवरी 1975 को बम्बई में आपका देहावसान का जन्म 1920 में तेंदूखेड़ा, जिला-नरसिंहपुर हो गया। (म0प्र0) में हुआ। प्राथमिक आ0-(1) म) प्र) स्वा) सै0, 5/325 (2) स्व0 सा) कक्षा में अध्ययन के समय हो।) पा) 117, (3) दैनिक जागरण (भोपाल), 22 अगस्त 1997 ही आप राष्ट्रीय आन्दोलन में श्री कंचनलाल जैन कूद पड़े और 1930 के सागर (म0प्र0) के श्री कंचनलाल जैन, पुत्र आन्दोलन में भाग लिया। श्री छोटे लाल का जन्म 1924 में हुआ। 1942 के भारत 1942 के आन्दोलन में आपने छोड़ो आन्दालन में आपने 6 माह का कारावास सत्याग्रह किया और गिरफ्तार भोगा। हुए। आपने लगभग 10 माह ___आ) (1) म. प्र) स्व0 सै), भाग 2, पृष्ठ 10, का कारावास नरसिंहपुर, होशंगाबाद, मण्डला एवं (2) आ() दी), पृष्ठ 31 जबलपुर की जेलों में काटा। देश की आजादी के बाद For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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