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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 116 स्वतंत्रता संग्राम में जैन बाबू उत्तमचंद वकील नजरबंद कर दिये गये। देश की आजादी के बाद आगरा के निकट बरारा ग्राम के रहने वाले आप समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। दो वर्ष बाबू उत्तमचंद वकील, पुत्र-श्री उमराव सिंह जैन तक आप प्रान्तीय सोशलिस्ट पार्टी के महामंत्री रहे। 1936 से राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रकाश में आये। आप कांग्रेस ढावरिया जी लगभग 5 वर्ष ग्राम पंचायत के सरपंच, कमेटी के पदाधिकारी रहे। 1940 के आंदोलन में 4 वर्ष पंचायत समिति के प्रधान तथा 1962 से 1967 आप नजरबंद कर लिए गये और लगभग एक वर्ष तक राज्य विधान सभा के सदस्य रहे। आजादी के जेल में रहे। 1942 के आन्दोलन में भी आपको बाद भी आप अनेक बार जेल गये।। 9 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया गया और मई आ)- (1) रा) स्वा) से0, पृष्ठ 5।। (2) जैन संस्कृति 1944 में छोड़ा गया। समाजवादी विचारधारा से प्रभावित । और राजस्थान, पृष्ठ-343. (3) इ) अ) ओ), 2/401 वकील सा0 ने उस समय किसानों का बड़ा संगठन श्री उम्मेदीलाल जैन खड़ा किया था। ग्राम साधन खोड़ा, तहसील-किरावली, आ) (1) प0 इ०, पृष्ठ 139, (2) जै0 स0 रा) अ0, जिला-आगरा (उ0प्र0) के श्री उम्मेदीलाल जैन ने (3) उ0 प्र0 जै) 40, पृ) 92, (4) श्री महावीर प्रसाद अलवर 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया था द्वारा प्रेषित परिचय, (5) गो0 अ0 ग्र0, पृ0-218 . 219 और जेल के दारुण दुख झेले थे। आप मण्डल कांग्रेस श्री उत्तमचंद वासल कमेटी के सदस्य भी रहे थे। मण्डल कांग्रेस कमेटी के मंत्री रहे, पिण्डरई, ___ आO-(1) गो) अ) ग्रा), पृ0-219 जिला-मण्डला (म0प्र0) के श्री उत्तमचंद वासल श्री एन० कुमार जैन तत्कालीन नेताओं में अग्रगण्य रहे हैं। राष्ट्रीय आन्दोलन इटारसी (म0 प्र0) के श्री एन0 कुमार जैन, में सक्रियता से आपने भाग लिया, फलतः गिरफ्तार पुत्र-श्री कालूराम जैन का जन्म बाबई (माखननगर) हुए और 6 माह की जेल यात्रा की। में चार जनवरी 1913 को हुआ। आपकी शिक्षा मैट्रिक आ0-(1) जै0 स0 रा0 अ) तक हो पाई थी कि स्वतंत्रता आन्दोलन की राह में श्री उमरावसिंह ढावरिया ऐसे निकले कि फिर आगे पढ़ने का नाम ही नहीं लिया। मेवाड़ प्रजा-मण्डल आन्दोलन से संबद्ध रहे। र आर्थिक रूप से सम्पन्न परिवार के होने के बावजूद श्री उमरावसिंह ढावरिया का जन्म बनेड़ा (राजस्थान) मा आपन र भी आपने युवकों की टोलियों बनाकर, गांव-गांव जाकर के जैन ओसवाल परिवार में हआ। बनेडा और उदयपर स्वतंत्रता की अलख जगाई। बाबई पुलिस थाने और में शिक्षा प्राप्त ढावरिया जी विद्यार्थी जीवन में ही सरकारी इमारतों पर तिरंगा फहराने के जुर्म में अंग्रेजों राजनीति में कद पडे. उन्होंने पिछड़ी जातियों में ने श्री जैन को 1938 में गिरफ्तार कर 6 माह के लिए शिक्षाप्रसार का काम हाथ में लिया और प्रजामण्डल होशंगाबाद जेल भेज दिया किंतु श्री जैन जेल से भी के तत्त्वावधान में किसानों और मजदूरों के संगठन आंदोलन की गतिविधियां चलाते रहे। का कार्य सम्हाला। 'अखिल भारतीय देशी राज्य लोक 1942 के आंदोलन में तो श्री जैन ने अद्भुत परिषद्' के सदस्य रहे ढावरिया जी 1942 के भारत साहस का परिचय दिया। बागड़ा रेलवे स्टेशन को अपने छोड़ो आंदोलन में भारत सुरक्षा कानून के अंतर्गत 6 कब्जे में ले लिया तथा भारी तोड़फोड़ की एवं स्टेशन माह के लिए इसवाल और उदयपुर की जेलों में मास्टर को कमरे में बंद कर उसकी जबर्दस्त पिटाई For Private And Personal Use Only
SR No.020788
Book TitleSwatantrata Sangram Me Jain
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain, Jyoti Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year2003
Total Pages504
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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