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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४ श्री सिद्धचक महापूजन विधि ।।अथ पूजनम्।। पूजन करनाराओए कुसुमांजली लइने यंत्र सन्मुख ऊभा रहे परमेश्वर परमेष्ठिन्!, परमगुरो परमनाथ परमार्हन्। परमानन्तचतुष्टय, परमात्मस्तुभ्यमस्तु नमः ।। (आर्या) ए श्लोक-आर्या बोली जिनसन्मुख कुसुमांजली करवी पछी शक्रस्तव-नमुत्थुणं स्तोत्र भणवू । ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः असिआउसा सिद्धपरमेष्ठिनः अत्र अवतरत अवतरत, संवौषट् । नमः सिद्धपरमेष्ठिभ्यः स्वाहा ।। आह्वान-मुद्राए आह्वान करवु । ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः असिआउसा सिद्धपरमेष्ठिनः अत्र तिष्ठत तिष्ठत, ठः ठः । नमः सिद्धपरमेष्ठिभ्यः स्वाहा।। स्थापन-मुद्राए स्थापन करवू । ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं हः असिआउसा सिद्धपरमेष्ठिनः मम सन्निहिता भवत भवत, वषट् । नमः सिद्धपरमेष्ठिभ्यः स्वाहा ।। सन्निधान-मुद्राए सन्निधान करवू । ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं हः असिआउसा सिद्धपरमेष्ठिनः पूजां यावदत्रैव स्थातव्यम् । नमः सिद्धपरमेष्ठिभ्यः स्वाहा ।। सन्निरोध मुद्राए सन्निरोध करवो । ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं हः असिआउसा सिद्धपरमेष्ठिनः परेषामदृश्या भवत भवत, फट । नमः सिद्धपरमेष्ठिभ्यः स्वाहा।। अवगुंठन करवू । For Private And Personal Use Only
SR No.020740
Book TitleSiddhachakra Mmahapujan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArvindsagar
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1998
Total Pages125
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size7 MB
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